[ad_1]
सार
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि ईवीएम के बारे में प्रशिक्षण दी जानी है। वह ऑनलाइन नहीं दी जा सकती है। शारीरिक रूप से उपस्थिति होकर ईवीएम की जानकारी प्राप्ता करना जरूरी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को विधानसभा चुनाव में पीठासीन अधिकारयिों की ऑनलाइन प्रशिक्षण दिए जाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग ने प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं। जो पीठासीन अधिकारी कोविड या अन्य किसी कारण से 24 और 25 जुलाई के प्रशिक्षण कार्यक्त्रस्म में हिस्सा नहीं हिस्सा नहीं ले पाएंगे, उनके लिए दोबारा प्रशिक्षण का इंतजाम किया गया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति शेखर यादव की खंडपीठ ने दिया है।
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि ईवीएम के बारे में प्रशिक्षण दी जानी है। वह ऑनलाइन नहीं दी जा सकती है। शारीरिक रूप से उपस्थिति होकर ईवीएम की जानकारी प्राप्ता करना जरूरी है। इस पर कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। इसके पहले कोर्ट ने रविवार को चुनाव आयोग से पूछा था कि क्या ऐसे लोग जिनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, उन्हें ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा सकता है। क्योंकि फिजिकल प्रशिक्षण से वापस आने पर परिवार को कोरोना से संक्त्रस्मित होने का खतरा बढ़ जाएगा।
आयोग ने कहा, ट्रेनिंग के लिए शारीरिक रूप से उपस्थित रहना जरूरी
चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश पांडेय ने कहा कि कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी कोर्ट को बताई। मुख्य अस्थायी अधिवक्ता जेएन मौर्य ने बताया कि सरकार ने चिकित्सकों का पैनल तैयार किया है। वह बीमार लोगों की जांच कर रिपोर्ट देगा। उन्होंने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी को अधिकार दिया गया है कि वह ड्यूटी से छूट दे सकता है।
वैसे जो भी पीठासीन अधिकारी 24 और 25 जनवरी को प्रशिक्षण नहीं ले सकेंगे, उनके लिए 29 जनवारी को विशेष व्यवस्था की गई है। इसके पूर्व याची की ओर से तर्क दिया गया कि 324 में से 194 लोगों को 24 और 25 जनवरी को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है।
इन 194 में से कुछ लोग ऐसी बीमारी से ग्रस्त हैं, जिससे उन्हें कोरोना संक्त्रस्मित होने की अधिक संभावना है। अगर ये संक्त्रस्मण लेकर घर जाएंगे तो इनके परिजनों को भी संक्त्रस्मित होने की संभावना बढ़ जाएगी। यह परिवार के हित में नहीं होगा। लेकिन, कोर्ट ने चुनाव आयोग की व्यवस्था को देखते हुए याची के तर्कों को स्वीकार नहीं किया और याचिका खारिज कर दी।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को विधानसभा चुनाव में पीठासीन अधिकारयिों की ऑनलाइन प्रशिक्षण दिए जाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग ने प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं। जो पीठासीन अधिकारी कोविड या अन्य किसी कारण से 24 और 25 जुलाई के प्रशिक्षण कार्यक्त्रस्म में हिस्सा नहीं हिस्सा नहीं ले पाएंगे, उनके लिए दोबारा प्रशिक्षण का इंतजाम किया गया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति शेखर यादव की खंडपीठ ने दिया है।
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि ईवीएम के बारे में प्रशिक्षण दी जानी है। वह ऑनलाइन नहीं दी जा सकती है। शारीरिक रूप से उपस्थिति होकर ईवीएम की जानकारी प्राप्ता करना जरूरी है। इस पर कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। इसके पहले कोर्ट ने रविवार को चुनाव आयोग से पूछा था कि क्या ऐसे लोग जिनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, उन्हें ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा सकता है। क्योंकि फिजिकल प्रशिक्षण से वापस आने पर परिवार को कोरोना से संक्त्रस्मित होने का खतरा बढ़ जाएगा।
[ad_2]
Source link