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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 30 Mar 2022 11:15 PM IST
सार
नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल एलाइंस एजूकेशन व अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि विशेष सचिव ने इस मामले में कुछ दिन के लिए और समय दिए जाने की मांग की है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट निजी स्कूलों में फीस न बढ़ाए जाने के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर पांच अप्रैल को सुनवाई करेगा। मामले में याची ने उत्तर प्रदेश सरकार के सात जनवरी 2022 के आदेश को चुनौती दी है। इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से जानकारी मांगी थी।
नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल एलाइंस एजूकेशन व अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि विशेष सचिव ने इस मामले में कुछ दिन के लिए और समय दिए जाने की मांग की है। सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को विशेष सचिव की ओर से इस संबंध में भेजे गए पत्र को कोर्ट केसमक्ष प्रस्तुत किया।
इसमें विशेष सचिव ने आग्रह किया है कि अभी इस मामले में सरकार को जवाब दाखिल करने केलिए कुछ दिन का और वक्त दिया जाए, क्योंकि नई सरकार का गठन हो चुका है। विभागों का बंटवारा होने केबाद इस संदर्भ में निर्णय लिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि एक अप्रैल से स्कूलों में नया सत्र शुरू होने वाला है। इसलिए अगली सुनवाई केपूर्व सरकार इस मामले में निर्णय ले सकती है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने केबाद मामले की सुनवाई केलिए पांच अप्रैल की तिथि निर्धारित कर दी।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट निजी स्कूलों में फीस न बढ़ाए जाने के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर पांच अप्रैल को सुनवाई करेगा। मामले में याची ने उत्तर प्रदेश सरकार के सात जनवरी 2022 के आदेश को चुनौती दी है। इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से जानकारी मांगी थी।
नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल एलाइंस एजूकेशन व अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि विशेष सचिव ने इस मामले में कुछ दिन के लिए और समय दिए जाने की मांग की है। सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को विशेष सचिव की ओर से इस संबंध में भेजे गए पत्र को कोर्ट केसमक्ष प्रस्तुत किया।
इसमें विशेष सचिव ने आग्रह किया है कि अभी इस मामले में सरकार को जवाब दाखिल करने केलिए कुछ दिन का और वक्त दिया जाए, क्योंकि नई सरकार का गठन हो चुका है। विभागों का बंटवारा होने केबाद इस संदर्भ में निर्णय लिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि एक अप्रैल से स्कूलों में नया सत्र शुरू होने वाला है। इसलिए अगली सुनवाई केपूर्व सरकार इस मामले में निर्णय ले सकती है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने केबाद मामले की सुनवाई केलिए पांच अप्रैल की तिथि निर्धारित कर दी।
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