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इलाहाबाद हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपराधियों के हिस्ट्रीशीट के पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया के बारे में सरकार से जानकारी मुहैया कराने को कहा है। कोर्ट ने पूछा है कि अपराधियों के हिस्ट्रीशीट के पुनर्मूल्यांकन की क्या प्रक्रिया है। याची ने अपने खिलाफ हिस्ट्रीशीट खोले जाने का विरोध करते हुए उसे रद्द करने की मांग की है। उसका कहना है कि चार वर्षों में उसने कोई अपराध नहीं किया है। फिर भी पुलिस ने पुलिस रेगुलेशन में वर्णित अपराधों से इतर अपराधों के आधार पर उसकी हिस्ट्रीशीट खोली है।
पुलिस रेगुलेशन के प्रस्तर-228 में वर्णित व्यवस्था के अनुसार वर्ग-क की हिस्ट्रीशीट की समीक्षा भी नहीं की गई। याची के तर्कों को देखते हुए कोर्ट ने यूपी सरकार से इस बारे में जानकारी देने को कहा है। कोर्ट ने अपर शासकीय अधिवक्ता मंजू ठाकुर को निर्देशित किया है कि यूपी में पुलिस हिस्ट्रीशीट के पुनर्मूल्यांकन की क्या प्रक्रिया अपनाती है। इसके बारे में विस्तृत जानकारी पेश करें।
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