हाईकोर्ट ने पूछा : ग्रेच्युटी भुगतान पर विभिन्न जिलों में अलग-अलग तरीका क्यों, सचिव बेसिक शिक्षा से मांगा जवाब

0
53

[ad_1]

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sat, 09 Apr 2022 02:28 AM IST

सार

मृतक अध्यापक के विकल्प न भरने पर ग्रेच्युटी भुगतान नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट ने ऊषारानी के मामले में फैसला दिया है कि विकल्प न होने पर ग्रेच्युटी नहीं रोकी जा सकती। इसी आधार पर कई याचियों को राहत मिली, लेकिन उन्हें ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया गया।

ख़बर सुनें

बेसिक शिक्षा परिषद के विभिन्न जिलों में ग्रेच्युटी भुगतान के अलग-अलग तरीकों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना के एक मामले में सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने विनोद शर्मा व अन्य की याचिका पर दिया है। अवमानना याचिका पर अधिवक्ता कमल कुमार केशरवानी ने बहस की।

मृतक अध्यापक के विकल्प न भरने पर ग्रेच्युटी भुगतान नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट ने ऊषारानी के मामले में फैसला दिया है कि विकल्प न होने पर ग्रेच्युटी नहीं रोकी जा सकती। इसी आधार पर कई याचियों को राहत मिली, लेकिन उन्हें ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया गया।

इस मामले में अवमानना याचिका दायर की गई थी। अधिवक्ता कमल कुमार केशरवानी का कहना था कि गोरखपुर, पीलीभीत, बदायूं और अन्य जनपदों में इस तरह के मामलों में ग्रेच्युटी का भुगतान किया जा रहा है, जबकि कुछ जिलों में सर्वोच्च न्यायालय की अपील लंबित होने के कारण नहीं किया जा रहा है। इस पर न्यायालय ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। 

यह भी पढ़ें -  होटल में गंदा काम: स्पा में छापा मारा तो दूसरे राज्यों की युवतियों संग अंतरंग मिले युवक, अंदर का नजारा देख...

विस्तार

बेसिक शिक्षा परिषद के विभिन्न जिलों में ग्रेच्युटी भुगतान के अलग-अलग तरीकों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना के एक मामले में सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने विनोद शर्मा व अन्य की याचिका पर दिया है। अवमानना याचिका पर अधिवक्ता कमल कुमार केशरवानी ने बहस की।

मृतक अध्यापक के विकल्प न भरने पर ग्रेच्युटी भुगतान नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट ने ऊषारानी के मामले में फैसला दिया है कि विकल्प न होने पर ग्रेच्युटी नहीं रोकी जा सकती। इसी आधार पर कई याचियों को राहत मिली, लेकिन उन्हें ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया गया।

इस मामले में अवमानना याचिका दायर की गई थी। अधिवक्ता कमल कुमार केशरवानी का कहना था कि गोरखपुर, पीलीभीत, बदायूं और अन्य जनपदों में इस तरह के मामलों में ग्रेच्युटी का भुगतान किया जा रहा है, जबकि कुछ जिलों में सर्वोच्च न्यायालय की अपील लंबित होने के कारण नहीं किया जा रहा है। इस पर न्यायालय ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। 

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here