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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 20 Apr 2022 12:06 PM IST
सार
बिना ठोस आधार के आयकर विभाग ने याची को धारा 148 का नोटिस जारी कर वसूली आदेश पारित किया है। कोर्ट ने कहा यह कार्रवाई न केवल अवैध और मनमानी है बल्कि याची को परेशान करने के लिए की गई है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के सचिव से पूछा है कि धारा 148 के तहत अवैध और मनमानी नोटिस जारी करने वाले आयकर विभाग के अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? साथ ही आयकर विभाग के अधिकारियों से भी नोटिस की वैधता के खिलाफ याचिका पर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि जवाब दाखिल न होने पर स्पष्टीकरण के साथ विपक्षी अधिकारी कोर्ट में पेश हों। कोर्ट ने आयकर विभाग द्वारा जारी नोटिस पर लगी रोक बढ़ा दी है।
याचिका की सुनवाई 4 मई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने कटियार कोल्ड स्टोरेज प्रा.लि. कंपनी की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि वह हर साल आयकर रिटर्न जमा करता है। 2017-18 के लिए उसे नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया कि उसने अपने बैंक खाते में 12 करोड़, 50 लाख, 14 हजार 500 रुपये नकद जमा किए, लेकिन रिटर्न में इसका जिक्र नहीं किया है।
कोर्ट ने कहा कि यह कार्रवाई अवैध ही नहीं मनमानी भी है
याची ने अपने जवाब में कहा कि उसने ऐसी कोई राशि बैंक खाते में जमा नहीं की है। इस आपत्ति को अधिकारियों ने निरस्त कर दिया और आयकर जमा करने का आदेश दिया, जिसे चुनौती दी गई। कोर्ट ने आयकर विभाग से जानकारी मांगी। जब जानकारी पेश की गई तो खुलासा हुआ कि वह पैसा दूसरी कंपनी मेसर्स एसआर कोल्ड स्टोरेज प्रा.लि. ने जमा किया है। जिसके मालिक विश्वनाथ सिंह कटियार उर्फ मुन्नू मियां है। इससे याची कंपनी का कोई सरोकार नहीं है।
बिना ठोस आधार के आयकर विभाग ने याची को धारा 148 का नोटिस जारी कर वसूली आदेश पारित किया है। कोर्ट ने कहा यह कार्रवाई न केवल अवैध और मनमानी है बल्कि याची को परेशान करने के लिए की गई है।
आनंद गिरि के मामले में सुनवाई टली
महंत नरेंद्र गिरि की हत्या के मामले में जेल में बंद आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर मंगलवार को भी सुनवाई नहीं हो सकी। याची के अधिवक्ता के आग्रह पर कोर्ट ने मामले में सुनवाई अगली तिथि तक के लिए टाल दी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के सचिव से पूछा है कि धारा 148 के तहत अवैध और मनमानी नोटिस जारी करने वाले आयकर विभाग के अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? साथ ही आयकर विभाग के अधिकारियों से भी नोटिस की वैधता के खिलाफ याचिका पर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि जवाब दाखिल न होने पर स्पष्टीकरण के साथ विपक्षी अधिकारी कोर्ट में पेश हों। कोर्ट ने आयकर विभाग द्वारा जारी नोटिस पर लगी रोक बढ़ा दी है।
याचिका की सुनवाई 4 मई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने कटियार कोल्ड स्टोरेज प्रा.लि. कंपनी की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि वह हर साल आयकर रिटर्न जमा करता है। 2017-18 के लिए उसे नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया कि उसने अपने बैंक खाते में 12 करोड़, 50 लाख, 14 हजार 500 रुपये नकद जमा किए, लेकिन रिटर्न में इसका जिक्र नहीं किया है।
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