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न्यायालय
– फोटो : file photo
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ के चेयरमैन रहे और वर्तमान में डीजीपी राजकुमार विश्वकर्मा और एडीजीपी स्थापना पुलिस मुख्यालय लखनऊ संजय सिंघल को अवमानना नोटिस जारी की है। आदेश का एक माह में अनुपालन करने या कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा, अधिकारियों पर प्रथम दृष्टया अवमानना का केस बनता है। इससे पहले भी अवमानना याचिका पर आदेश के पालन का मौका दिया जा चुका है। अब दोबारा अवमानना याचिका दायर की गई है।
यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने बागपत के शिवराज सिंह की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका में कहा गया कि याची की भर्ती 1989 में कांस्टेबल पद पर की गई। 2008 में प्रोन्नत होकर पुलिस उप निरीक्षक नियुक्त हुआ। इंस्पेक्टर पद पर प्रोन्नति की अर्हता हासिल करने के बाद विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) ने बंद लिफाफे में याची की इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नति देने की संस्तुति की है। याची के खिलाफ गाजियाबाद के मसूरी थाने में भ्रष्टाचार के आरोप में दर्ज आपराधिक केस के कारण उसका लिफाफा नहीं खोला जा रहा है।
कोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड को बंद लिफाफा खोलकर याची की तदर्थ प्रोन्नति करने का आदेश दिया, जिसका पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका दायर की गई। कोर्ट ने एक माह में आदेश का पालन करने का एक मौका दिया था। आदेश पालन न करने पर पुनः यह याचिका दायर की गई है।
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