हाईकोर्ट : पुराने मकानों को गिराने के खिलाफ याचिका पर सरकार से जवाब तलब

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के कलेक्टरी फार्म चौराहे से लोहा बाजार होते हुए 20 फीट रिंग रोड के चौड़ीकरण में वर्षों पुराने निर्माणों को अतिक्रमण मानकर हटाने व ध्वस्तीकरण नोटिस की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी है।

लोक निर्माण विभाग ने अधिसूचना जारी कर लोगों से अतिक्रमण स्वयं हटा लेने को कहा है। अन्यथा की स्थिति में ध्वस्तीकरण कार्रवाई कर खर्च वसूली की चेतावनी दी गई है। राजेश कुमार तिवारी व अन्य की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता तथा न्यायमूर्ति डॉ. वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया है।

याचिका पर अधिवक्ता का कहना है कि राजस्व अभिलेखों में सड़क 20 फीट चौड़ी दर्ज है। अब इसे रिंग रोड के रूप में फोर लेन बनाया जाना है। सड़क के मध्य से दोनों तरफ 12 मीटर सड़क चौड़ी की जाएगी। लोगों ने जमीन खरीद कर मकान बनवाए हैं।

बिना कोई मुआवजा दिए लोक निर्माण विभाग निर्माण अवैध बताकर ध्वस्तीकरण कार्रवाई करना चाहता है, जिसे चुनौती दी गई है। कहा गया है कि लोगों की जमीन  प्राइवेट है। परंतु लोक निर्माण विभाग इसे सड़क की जमीन बताकर बिना मुआवजा दिए खाली कराना चाह रहा है। कहा गया कि लोक निर्माण विभाग का यह आदेश मनमाना व गलत है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के कलेक्टरी फार्म चौराहे से लोहा बाजार होते हुए 20 फीट रिंग रोड के चौड़ीकरण में वर्षों पुराने निर्माणों को अतिक्रमण मानकर हटाने व ध्वस्तीकरण नोटिस की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी है।

लोक निर्माण विभाग ने अधिसूचना जारी कर लोगों से अतिक्रमण स्वयं हटा लेने को कहा है। अन्यथा की स्थिति में ध्वस्तीकरण कार्रवाई कर खर्च वसूली की चेतावनी दी गई है। राजेश कुमार तिवारी व अन्य की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता तथा न्यायमूर्ति डॉ. वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया है।

याचिका पर अधिवक्ता का कहना है कि राजस्व अभिलेखों में सड़क 20 फीट चौड़ी दर्ज है। अब इसे रिंग रोड के रूप में फोर लेन बनाया जाना है। सड़क के मध्य से दोनों तरफ 12 मीटर सड़क चौड़ी की जाएगी। लोगों ने जमीन खरीद कर मकान बनवाए हैं।

बिना कोई मुआवजा दिए लोक निर्माण विभाग निर्माण अवैध बताकर ध्वस्तीकरण कार्रवाई करना चाहता है, जिसे चुनौती दी गई है। कहा गया है कि लोगों की जमीन  प्राइवेट है। परंतु लोक निर्माण विभाग इसे सड़क की जमीन बताकर बिना मुआवजा दिए खाली कराना चाह रहा है। कहा गया कि लोक निर्माण विभाग का यह आदेश मनमाना व गलत है।

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