हाईकोर्ट : फ्री होल्ड नीति के मामले में अपर मुख्य सचिव शहरी विकास का व्यक्तिगत हलफनामा तलब

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इलाहाबाद हाईकोर्ट

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– फोटो : अमर उजाला

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शहरी क्षेत्रों में ‘नजूल लैंड’ की फ्री होल्ड नीति के मामले में अपर मुख्य सचिव लखनऊ से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा है कि वह नई फ्री होल्ड नीति के बारे में सरकार की स्थिति को स्पष्ट करे, जिसके लिए पुरानी फ्री होल्ड नीति को रोक रखा गया है। अपर मुख्य सचिव को यह हलफनामा छह दिसंबर की सुनवाई की तिथि के पूर्व दाखिल करना होगा।

यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति जयंत कुमार बनर्जी की खंडपीठ ने बृज राज प्रताप सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। इसके पूर्व कोर्ट ने अपने 29 सितंबर के आदेश के तहत मामले में सरकार की स्थिति जाननी चाही थी। कोर्ट ने अपने आदेश में सरकारी अधिवक्ता राजीव गुप्ता से सरकार की स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। 

सरकारी अधिवक्ता ने पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया कि सरकार ने नई नजूल नीति लाने जा रही है। इसलिए उसने फ्री होल्ड नीति पर 2020 से रोक लगा रखी है। इस पर कोर्ट ने मामले में सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। लेकिन, सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी न मिलने पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव, शहरी विकास विभाग से मामले में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर जानकारी देने को कहा है।

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विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शहरी क्षेत्रों में ‘नजूल लैंड’ की फ्री होल्ड नीति के मामले में अपर मुख्य सचिव लखनऊ से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा है कि वह नई फ्री होल्ड नीति के बारे में सरकार की स्थिति को स्पष्ट करे, जिसके लिए पुरानी फ्री होल्ड नीति को रोक रखा गया है। अपर मुख्य सचिव को यह हलफनामा छह दिसंबर की सुनवाई की तिथि के पूर्व दाखिल करना होगा।

यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति जयंत कुमार बनर्जी की खंडपीठ ने बृज राज प्रताप सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। इसके पूर्व कोर्ट ने अपने 29 सितंबर के आदेश के तहत मामले में सरकार की स्थिति जाननी चाही थी। कोर्ट ने अपने आदेश में सरकारी अधिवक्ता राजीव गुप्ता से सरकार की स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। 

सरकारी अधिवक्ता ने पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया कि सरकार ने नई नजूल नीति लाने जा रही है। इसलिए उसने फ्री होल्ड नीति पर 2020 से रोक लगा रखी है। इस पर कोर्ट ने मामले में सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। लेकिन, सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी न मिलने पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव, शहरी विकास विभाग से मामले में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर जानकारी देने को कहा है।



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