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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 29 Apr 2022 10:32 PM IST
सार
बैजनाथ के मामले में न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने तर्क दिया कि याची तीन बार ग्राम प्रधान रहा है। उसने तीन स्कूल स्थापित किए हैं। तीनों स्कूलों की भूमि राजस्व रिकॉड में दर्ज है।
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विस्तार
विधायक निधि के गबन के मामले में दर्ज एफआईआर में शुक्रवार को मऊ विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में जहां बहस नहीं हो सकी वहीं इसी मामले में सह आरोपी और स्कूल प्रबंधक बैजनाथ यादव को जमानत मिल गई है। दोनों मामलों में अलग-अलग पीठें सुनवाई कर रहीं थीं।
बैजनाथ के मामले में न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने तर्क दिया कि याची तीन बार ग्राम प्रधान रहा है। उसने तीन स्कूल स्थापित किए हैं। तीनों स्कूलों की भूमि राजस्व रिकॉड में दर्ज है। याची ने अपने स्कूल को और विकसित के भवन को विकसित करने के लिए स्थानीय विधायक से सहयोग मांगा था। विधायक निधि से उसे सत्र 2013-15 के बीच तीन किश्तों में एक निश्चित रकम का भुगतान किया गया। विधायक से उसका कोई संबंध नहीं था।
इसी मामले में एक दूसरे सह अभियुक्त को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। याची को अगर जमानत पर छोड़ दिया जाता है तो वह इसका दुरुपयोग नहीं करेगा। याची 11 फरवरी से जेल में है। हालांकि, सरकारी अधिवक्ता ने जमानत अर्जी का विरोध किया। उधर, मऊ विधायक अंसारी के मामले में दोनों पक्षों की ओर से रजिस्ट्री के जरिए दाखिल जवाबी हलफनामे कोर्ट के समक्ष नहीं पहुंचने पर सुनवाई को टाल दिया गया। कोर्ट ने हलफनामे को ट्रेस करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 15 मई की तिथि निर्धारित कर दी।
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