हाईकोर्ट में याचिका : उद्योगपति अनिल अंबानी और टीना अंबानी पर दर्ज केस की सीबीआई से जांच कराने की अर्जी

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 22 Jun 2022 11:51 PM IST

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इलाहाबाद हाईकोर्ट में आपराधिक याचिका दाखिल कर उद्योगपति अनिल धीरूभाई अंबानी, उनकी पत्नी टीना अंबानी सहित परिवार व कंपनी के अन्य लोगों के खिलाफ  सीबीआई जांच की मांग की गई है। अंबानी के खिलाफ बुलंदशहर के जहांगीराबाद थाने में एक लाख पचास हजार करोड़ रुपये के घपले के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है। 16 मई 2022 को दर्ज केस की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई है। मामले में 29 जून को सुनवाई होगी।

 

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ के समक्ष स्वतंत्र पत्रकार पवन कुमार की याचिका की सुनवाई होनी थी, लेकिन समयाभाव के कारण नहीं हो सकी। याची का कहना है कि इस मामले में विजय माल्या से दस गुना अधिक गंभीर धोखाधड़ी की गई है। सेबी ने जांच की और रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी को फ्रॉड घोषित किया है।

 

कंपनी पर ़बैंकों व लेनदारों के डेढ़ लाख करोड़ रुपये के घपले का आरोप लगाया गया है। याची का कहना है कि स्थानीय पुलिस सही विवेचना नहीं कर सकती। इसलिए केस सीबीआई को स्थानांतरित किया जाए। याचिका में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को भी पक्षकार बनाया गया है। याची की अर्जी पर एसीजेएम बुलंदशहर के आदेश पर एफ आईआर दर्ज की गई है।

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विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट में आपराधिक याचिका दाखिल कर उद्योगपति अनिल धीरूभाई अंबानी, उनकी पत्नी टीना अंबानी सहित परिवार व कंपनी के अन्य लोगों के खिलाफ  सीबीआई जांच की मांग की गई है। अंबानी के खिलाफ बुलंदशहर के जहांगीराबाद थाने में एक लाख पचास हजार करोड़ रुपये के घपले के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है। 16 मई 2022 को दर्ज केस की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई है। मामले में 29 जून को सुनवाई होगी।

 


इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ के समक्ष स्वतंत्र पत्रकार पवन कुमार की याचिका की सुनवाई होनी थी, लेकिन समयाभाव के कारण नहीं हो सकी। याची का कहना है कि इस मामले में विजय माल्या से दस गुना अधिक गंभीर धोखाधड़ी की गई है। सेबी ने जांच की और रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी को फ्रॉड घोषित किया है।


 

कंपनी पर ़बैंकों व लेनदारों के डेढ़ लाख करोड़ रुपये के घपले का आरोप लगाया गया है। याची का कहना है कि स्थानीय पुलिस सही विवेचना नहीं कर सकती। इसलिए केस सीबीआई को स्थानांतरित किया जाए। याचिका में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को भी पक्षकार बनाया गया है। याची की अर्जी पर एसीजेएम बुलंदशहर के आदेश पर एफ आईआर दर्ज की गई है।

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