हाईकोर्ट : यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण की ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 07 Apr 2022 11:21 PM IST

सार

यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अंकुर सिंह व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता प्रेम कुमार चौरसिया वह प्राधिकरण के अधिवक्ता आदित्य भूषण सिंहल ने बहस की।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर की सिकंदराबाद तहसील के झाझर गांव में यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्धनगर द्वारा अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने याची को दो हफ्ते में नोटिस का जवाब देने तथा प्राधिकरण द्वारा सकारण आदेश पारित करने तक कार्रवाई पर रोक लगाई है।

यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अंकुर सिंह व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता प्रेम कुमार चौरसिया वह प्राधिकरण के अधिवक्ता आदित्य भूषण सिंहल ने बहस की।

याची सहित 14 लोगों को प्राधिकरण ने नोटिस जारी कर अवैध निर्माण हटा लेने का निर्देश दिया है और कहा है कि यदि ध्वस्तीकरण कार्रवाई की गई तो खर्च भी वसूला जाएगा। जिसे चुनौती दी गई थी। प्राधिकरण की तरफ से कहा गया कि नोटिस जारी की गई है। याची जवाब देता है तो नियमानुसार निर्णय लिया जायेगा जिस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है।

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विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर की सिकंदराबाद तहसील के झाझर गांव में यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्धनगर द्वारा अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने याची को दो हफ्ते में नोटिस का जवाब देने तथा प्राधिकरण द्वारा सकारण आदेश पारित करने तक कार्रवाई पर रोक लगाई है।

यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अंकुर सिंह व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता प्रेम कुमार चौरसिया वह प्राधिकरण के अधिवक्ता आदित्य भूषण सिंहल ने बहस की।

याची सहित 14 लोगों को प्राधिकरण ने नोटिस जारी कर अवैध निर्माण हटा लेने का निर्देश दिया है और कहा है कि यदि ध्वस्तीकरण कार्रवाई की गई तो खर्च भी वसूला जाएगा। जिसे चुनौती दी गई थी। प्राधिकरण की तरफ से कहा गया कि नोटिस जारी की गई है। याची जवाब देता है तो नियमानुसार निर्णय लिया जायेगा जिस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है।

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