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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 17 Feb 2022 12:15 AM IST
सार
याचिका पर अधिवक्ता का कहना है कि विभाग ने याची का वेतन निर्धारित किया। उसमें उसकी कोई भूमिका नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने रफीक मसीह केस में स्पष्ट कहा है कि यदि धोखे से अधिक वेतन नहीं लिया गया है।
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विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय कारागार वाराणसी में वरिष्ठ सहायक रंभा श्रीवास्तव से तीन लाख, 24 हजार, 840 रुपये अधिक वेतन भुगतान की वसूली पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्य सरकार से चार हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता का कहना है कि विभाग ने याची का वेतन निर्धारित किया। उसमें उसकी कोई भूमिका नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने रफीक मसीह केस में स्पष्ट कहा है कि यदि धोखे से अधिक वेतन नहीं लिया गया है।
विभाग की गलती से अधिक वेतन भुगतान किया गया है। तो ऐसी राशि की विभाग वेतन से वसूली नहीं कर सकता। इसके विपरीत वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने वेतन से अधिक भुगतान की वापसी करने का आदेश दिया है। जिसकी वैधता को चुनौती दी गई है।
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