हाईकोर्ट : सीआरपीसी की धारा 311 के तहत गवाहों का हो सकता है पुनर्परीक्षण

0
43

[ad_1]

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 23 Feb 2022 10:00 PM IST

सार

आदेश में अभियोजन पक्ष के दो गवाहों को वापस बुलाने के लिए सीआरपीसी की धारा 311 के तहत याची द्वारा दायर दो आवेदनों को खारिज कर दिया गया था। कोर्ट ने ने मामले में सीआरपीसी की धारा 311 की प्रयोज्यता पर प्रकाश डाला।

ख़बर सुनें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 311 के तहत किसी मामले में गवाही के पुनर्परीक्षण के लिए गवाहाें को दोबारा बुलाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि धारा 311 न्यायालय को एक भौतिक गवाह को समन करने, न्यायालय में मौजूद किसी व्यक्ति की जांच करने या पहले से जांच किए गए गवाह को वापस बुलाने की व्यापक शक्ति देती है। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी ने देवरिया सत्र न्यायाधीश के आदेश को रद्द करने की मांग पर दाखिल याचिका को खारिज करते हुए दिया है।

आदेश में अभियोजन पक्ष के दो गवाहों को वापस बुलाने के लिए सीआरपीसी की धारा 311 के तहत याची द्वारा दायर दो आवेदनों को खारिज कर दिया गया था। कोर्ट ने ने मामले में सीआरपीसी की धारा 311 की प्रयोज्यता पर प्रकाश डाला। मामले में याची ने दो गवाहों के पुनर्परीक्षण के लिए वापस बुलाने के लिए ट्रायल कोर्ट में आवेदन किया था।

यह देखते हुए कि वर्तमान मामले की सुनवाई 2015 से लंबित है और याची के पास विवादित तथ्य के संबंध में मौखिक या दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर होगा। क्योंकि, सुनवाई बचाव पक्ष के साक्ष्य के लिए लंबित है। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल जज ने आवेदनों को खारिज करने के लिए अच्छे कारण बताए हैं। धारा 311 सीआरपीसी के तहत शक्ति का प्रयोग केवल सच्चाई का पता लगाने या ऐसे तथ्यों के लिए उचित सबूत प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जाना चाहिए। यह कहते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी गई।

यह भी पढ़ें -  Shardiya Navratri: हस्त नक्षत्र में हाथी पर बैठकर आएंगी मां दुर्गा, भक्तों पर बरसाएंगे कृपा, ऐसे करें पूजन

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 311 के तहत किसी मामले में गवाही के पुनर्परीक्षण के लिए गवाहाें को दोबारा बुलाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि धारा 311 न्यायालय को एक भौतिक गवाह को समन करने, न्यायालय में मौजूद किसी व्यक्ति की जांच करने या पहले से जांच किए गए गवाह को वापस बुलाने की व्यापक शक्ति देती है। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी ने देवरिया सत्र न्यायाधीश के आदेश को रद्द करने की मांग पर दाखिल याचिका को खारिज करते हुए दिया है।

आदेश में अभियोजन पक्ष के दो गवाहों को वापस बुलाने के लिए सीआरपीसी की धारा 311 के तहत याची द्वारा दायर दो आवेदनों को खारिज कर दिया गया था। कोर्ट ने ने मामले में सीआरपीसी की धारा 311 की प्रयोज्यता पर प्रकाश डाला। मामले में याची ने दो गवाहों के पुनर्परीक्षण के लिए वापस बुलाने के लिए ट्रायल कोर्ट में आवेदन किया था।

यह देखते हुए कि वर्तमान मामले की सुनवाई 2015 से लंबित है और याची के पास विवादित तथ्य के संबंध में मौखिक या दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर होगा। क्योंकि, सुनवाई बचाव पक्ष के साक्ष्य के लिए लंबित है। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल जज ने आवेदनों को खारिज करने के लिए अच्छे कारण बताए हैं। धारा 311 सीआरपीसी के तहत शक्ति का प्रयोग केवल सच्चाई का पता लगाने या ऐसे तथ्यों के लिए उचित सबूत प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जाना चाहिए। यह कहते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी गई।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here