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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 06 May 2022 09:37 PM IST
सार
कोर्ट ने सीईओ के कृत्य को निदंनीय बताते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। इसके साथ ही उन्हें पुलिस हिरासत में पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई केलिए 13 मई की तारीख तय की है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण के मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) गौतमबुद्धनगर की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के समय पर कोर्ट में उपस्थित न होने पर नाराजगी जताई है।
कोर्ट ने सीईओ के कृत्य को निदंनीय बताते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। इसके साथ ही उन्हें पुलिस हिरासत में पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई केलिए 13 मई की तारीख तय की है। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने श्रीमती मनोरमा कुछाल व अन्य की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
दरअसल, हाईकोर्ट ने नोएडा में भूमि अधिग्रहण मामले में सीईओ को 28 अप्रैल को कोर्ट केसमक्ष पेश होने का आदेश दिया था लेकिन वह केस की सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं हो सकीं। सीईओ के अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि वह फ्लाइट से 10.30 बजे प्रयागराज के लिए रवाना हुई हैं। इसलिए मामले की सुनवाई उनके कोर्ट पहुंचने तक केस की सुनवाई को टाल दिया जाए। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की।
कोर्ट ने कहा- सीईओ कायह आचरण स्वीकार्य नहीं
कोर्ट ने कहा कि सीईओ नोएडा का यह आचरण स्वीकार योग्य नहीं है। कोर्ट का कामकाज शुरू होने के बाद उड़ान भरना और उम्मीद की, कि कोर्ट उनका इंतजार करेगी और अदालत पहुंचने के बाद मामले को उठाएगी। सीईओ का यह आचरण निंदनीय है और न्यायालयों की अवमानना के समान है। क्योंकि, उन्हें कोर्ट द्वारा पारित आदेश का पालन न करने के लिए अवमानना कार्यवाही में तलब किया गया है।
उन्हें कोर्ट में 10 बजे उपस्थित होना चाहिए था लेकिन वह जानबूझकर देरी की। यह कृत्य कोर्ट का अनादर करने के बराबर है। कोर्ट ने सीईओ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए रजिस्ट्रार को आदेश की प्रति सीजीएम गौतमबुद्धनगर को 48 घंटे में मुहैया कराने को कहा है। आदेश दिया है कि गौतमबुद्धनगर सीईओ को पुलिस हिरासत में कोर्ट के सामने पेश किया जाए।
आदेश का पालन न होने पर दाखिल की गई अवमानना याचिका
दरअसल मामले में याचियों की भूमि को नोएडा द्वारा वर्ष 1990 में नोटिफिकेशन जारी कर नियमों का पालन किए बिना कब्जा कर लिया गया और वहां निर्माण करा दिया गया। याचियों की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मुआवजे के भुगतान का आदेश दिया था। लेकिन नोएडा की ओर से उसका अनुपालन नहीं दिया गया तो याचियों ने अवमानना याचिका दाखिल की थी। 28 अप्रैल को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पांच मई को उपस्थित होने का आदेश जारी किया था।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण के मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) गौतमबुद्धनगर की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के समय पर कोर्ट में उपस्थित न होने पर नाराजगी जताई है।
कोर्ट ने सीईओ के कृत्य को निदंनीय बताते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। इसके साथ ही उन्हें पुलिस हिरासत में पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई केलिए 13 मई की तारीख तय की है। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने श्रीमती मनोरमा कुछाल व अन्य की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
दरअसल, हाईकोर्ट ने नोएडा में भूमि अधिग्रहण मामले में सीईओ को 28 अप्रैल को कोर्ट केसमक्ष पेश होने का आदेश दिया था लेकिन वह केस की सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं हो सकीं। सीईओ के अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि वह फ्लाइट से 10.30 बजे प्रयागराज के लिए रवाना हुई हैं। इसलिए मामले की सुनवाई उनके कोर्ट पहुंचने तक केस की सुनवाई को टाल दिया जाए। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की।
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