हाईकोर्ट से राहत : जाली डिग्री बनाने वाले की अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Tue, 15 Feb 2022 10:48 PM IST

सार

याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि याची निर्दोष है। उसे गलत तरीकेसे फंसाया गया है। पुलिस ने मामले में उसपर सामान्य तौर पर आरोप लगाया है। कोई विशेष आरोप नहीं है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट शाहजहांपुर के मदनापुर थाने के आशीष कुमार सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। उस पर जाली अंकपत्र बनाकर बेचने का आरोप है। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने दिया है। हालांकि, कोर्ट ने कई शर्तें भी लगाई हैं।

याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि याची निर्दोष है। उसे गलत तरीकेसे फंसाया गया है। पुलिस ने मामले में उसपर सामान्य तौर पर आरोप लगाया है। कोई विशेष आरोप नहीं है। हालांकि, सरकारी अधिवक्ता की ओर से इसका विरोध किया गया। कहा गया कि वह मामले में आरोपित है और उसकेपास से 3500 जाली और एक हजार टेम्पर्ड अंकपत्र पाए गए हैं।

कोर्ट ने गुण दोष पर विचार किए बिना याची की अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली।
याची केखिलाफ शाहजहांपुर जिले के मदनापुर थाने में आईपीसी की विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस की गिरफ्तारी से बचने केलिए उसने अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी।

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विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट शाहजहांपुर के मदनापुर थाने के आशीष कुमार सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। उस पर जाली अंकपत्र बनाकर बेचने का आरोप है। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने दिया है। हालांकि, कोर्ट ने कई शर्तें भी लगाई हैं।

याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि याची निर्दोष है। उसे गलत तरीकेसे फंसाया गया है। पुलिस ने मामले में उसपर सामान्य तौर पर आरोप लगाया है। कोई विशेष आरोप नहीं है। हालांकि, सरकारी अधिवक्ता की ओर से इसका विरोध किया गया। कहा गया कि वह मामले में आरोपित है और उसकेपास से 3500 जाली और एक हजार टेम्पर्ड अंकपत्र पाए गए हैं।

कोर्ट ने गुण दोष पर विचार किए बिना याची की अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली।

याची केखिलाफ शाहजहांपुर जिले के मदनापुर थाने में आईपीसी की विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस की गिरफ्तारी से बचने केलिए उसने अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी।

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