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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 02 Feb 2022 07:45 PM IST
सार
मृतक अल्ताफ के पिता चांद मिंया ने याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने दावा किया कि थाने की हवालात में अल्ताफ ने खुद फांसी लगाई थी।
कासगंज: हवालात में अल्ताफ की मौत का प्रकरण
– फोटो : अमर उजाला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कासगंज में हुई हिरासत में मौत के मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए कासगंज के एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि एसपी बृहस्पतिवार तक हलफनामा दाखिल करें। कोर्ट ने कहा है कि अगर बृहस्पतिवार तक हलफनामा दायर नहीं किया गया है तो उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
मामले में मृतक अल्ताफ के पिता चांद मिंया ने याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने दावा किया कि थाने की हवालात में अल्ताफ ने खुद फांसी लगाई थी। इस पर कोर्ट ने राज्य से पूछा कि मामले में आज तक हलफनामा क्यों नहीं दायर किया गया? जबकि सुनवाई की आखिरी तारीख को अदालत को बताया गया था कि हलफनामा तैयार हो गया है।
हीलाहवाली पर लगाएंगे भारी जुर्माना – हाईकोर्ट
अल्ताफ के पिता की ओर से दायर याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 23 दिसंबर 2021 को कासगंज के पुलिस अधीक्षक से दस दिन के भीतर जवाब मांगा था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित के पिता द्वारा सीबीआई जांच और अल्ताफ के शरीर की एक और पोस्टमार्टम की मांग की थी।
याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि एसपी बृहस्पतिवार तक हलफनामा दायर नहीं करते हैं तो अनिवार्य रूप से भारी जुर्माना लगाएंगे। अल्ताफ नौ नवंबर को पुलिस स्टेशन में मृत पाया गया था। पुलिस ने दावा किया कि उसने अपने जैकेट के हुड से एक शौचालय में पानी के पाइप से लटकर खुद को फांसी लगा ली। पाइप जमीन से दो फीट की ऊंचाई पर था।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कासगंज में हुई हिरासत में मौत के मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए कासगंज के एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि एसपी बृहस्पतिवार तक हलफनामा दाखिल करें। कोर्ट ने कहा है कि अगर बृहस्पतिवार तक हलफनामा दायर नहीं किया गया है तो उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
मामले में मृतक अल्ताफ के पिता चांद मिंया ने याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने दावा किया कि थाने की हवालात में अल्ताफ ने खुद फांसी लगाई थी। इस पर कोर्ट ने राज्य से पूछा कि मामले में आज तक हलफनामा क्यों नहीं दायर किया गया? जबकि सुनवाई की आखिरी तारीख को अदालत को बताया गया था कि हलफनामा तैयार हो गया है।
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