हिंदू नववर्ष 2022: नव संवत्सर पर बांकेबिहारी को लगेगा माखन, मिश्री और नीम की पत्तियों का भोग

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सार

नव संवत्सर पर्व हिंदू नववर्ष का पहला दिन माना जाता है। इस दिन ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर में ठाकुरजी का विशेष शृंगार होता है।वृंदावन के अन्य मंदिरों में भी धार्मिक आयोजन होते हैं। 

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हिंदू नववर्ष के पहले दिन नव संवत्सर पर्व ( 2 अप्रैल) पर तीर्थ नगरी वृंदावन के मंदिरों एवं देवालयों में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होंगे। वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य ठाकुर श्रीबांकेबिहारी को नवीन पोशाक धारण कराने के साथ माखन, मिश्री एवं नीम की पत्तियों का भोग भी लगाया जाएगा।

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत प्रह्लाद वल्लभ गोस्वामी ने बताया कि नव संवत्सर पर्व भारतीय हिंदू संस्कृति में वर्ष का पहला दिन माना जाता है। नववर्ष के पहले दिन ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर महाराज का आकर्षक शृंगार करने के साथ नवीन पोशाक पहनाई जाती है। 

भक्तों को बांटा जाएगा ठाकुरजी का प्रसाद 

इस दिन ठाकुर जी को माखन-मिश्री एवं नीम की कोपल पत्तियां अर्पित की जाती हैं। इसके बाद भक्तों को माखन-मिश्री एवं नीम की पत्तियों का प्रसाद भी बांटा जाएगा। वहीं मंदिर कुल पुरोहित नव संवत्सर वाचन करेंगे। इसमें पहले ठाकुर श्रीबांकेबिहारी की राशि का फल सुनाएंगे। इसके बाद स्वामी हरिदास की राशि पढ़कर सुनाएंगे। 
 

राधावल्लभ मंदिर में भी होंगे कार्यक्रम

ठाकुर राधावल्लभ मंदिर में भी विशेष आयोजन होंगे। मंदिर के सेवायत विशाललाल गोस्वामी ने बताया कि नव संवत्सर पर ठाकुरजी नवीन वस्त्र धारणकर भक्तों को विशेष दर्शन देंगे। साथ ही मंदिर ध्वजा बदलकर नई स्थापित की जाएगी। राजभोग में ठाकुरजी को विशेष भोग निवेदित किया जाएगा। 

इस भोग में खीर के साथ ही कढ़ी, दाल, (अंगा) मिस्सी रोटी, मीठी रोटी, पीले चावल, सादा चावल, फुल्का, मसूल की दाल, सब्जी दो प्रकार की भोग निवेदित किया जाएगा। मंदिर में ठाकुरजी के समक्ष समाज गायन का आयोजन भी होगा। इसमें रसिक संतों द्वारा नव संवत्सर पर्व से जुड़े पदों का गायन होगा। 

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संस्कार भारती का नव संवत्सर कार्यक्रम दो अप्रैल को 

संस्कार भारती वृंदावन इकाई की बैठक बुधवार को प्रताप बाजार स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में हुई। सर्वसम्मति से पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने निर्णय लिया कि नव संवत्सर कार्यक्रम 2 अप्रैल को नगर निगम गेट के बाहर आयोजित किया जाएगा। 

संस्कार भारती के मंत्री प्रोफेसर केएम अग्रवाल को कार्यक्रम का संयोजक बनाया गया है। मंत्री संगठन बृज किशोर त्रिपाठी ने कहा कि संस्कार भारती साहित्य, संगीत, नृत्य, नाट्य, भू-अलंकरण एवं स्थापत्य कलाओं के माध्यम से कलाकारों को मंच पर लाकर उनकी प्रतिभा को निखारने का काम करती है। 

विस्तार

हिंदू नववर्ष के पहले दिन नव संवत्सर पर्व ( 2 अप्रैल) पर तीर्थ नगरी वृंदावन के मंदिरों एवं देवालयों में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होंगे। वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य ठाकुर श्रीबांकेबिहारी को नवीन पोशाक धारण कराने के साथ माखन, मिश्री एवं नीम की पत्तियों का भोग भी लगाया जाएगा।

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत प्रह्लाद वल्लभ गोस्वामी ने बताया कि नव संवत्सर पर्व भारतीय हिंदू संस्कृति में वर्ष का पहला दिन माना जाता है। नववर्ष के पहले दिन ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर महाराज का आकर्षक शृंगार करने के साथ नवीन पोशाक पहनाई जाती है। 

भक्तों को बांटा जाएगा ठाकुरजी का प्रसाद 

इस दिन ठाकुर जी को माखन-मिश्री एवं नीम की कोपल पत्तियां अर्पित की जाती हैं। इसके बाद भक्तों को माखन-मिश्री एवं नीम की पत्तियों का प्रसाद भी बांटा जाएगा। वहीं मंदिर कुल पुरोहित नव संवत्सर वाचन करेंगे। इसमें पहले ठाकुर श्रीबांकेबिहारी की राशि का फल सुनाएंगे। इसके बाद स्वामी हरिदास की राशि पढ़कर सुनाएंगे। 

 

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