हुसैन की याद में निकले आंसू, गम के साथ दफन हुए ताजिया

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उन्नाव। करबला के रेगिस्तान में इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत की याद में मोहर्रम की 10वीं तारीख पर शहर में ताजिया जुलूस निकाले गए। हुसैन की याद में नौहा पढ़ा गया। छुरी का मातम किया गया।
मजहबे इस्लाम और इंसानियत के लिए इमाम हुसैन साथियों सहित यजीदियों से जंग करते हुए शहीद हो गए थे। मंगलवार को अंजुमने हुसैनिया की अगुवाई में घरों और इमामबाड़े से ताबूत व अलम का जुलूस निकाला गया। सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में नौहे पढ़े गए। शहर में छोटा चौराहा से अलम का जुलूस उठा। ये बड़ा चौराहा, धवन रोड, कसाई चौराहा होकर गदियाना और छिपियाना गया। बाद में सभी ताजियों को दफन किया गया। इस मौके पर शबान, शारिफ, शादाब, शानू, वकार रजा, हसन जैदी, आफताब, फैज हुसैन आदि मौजूद रहे। इस मौके पर रक्तदान शिविर भी लगाया गया।
एडीएम नरेंद्र सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट विजेता ने जुलूस का जायजा लिया। यातायात प्रभावित न हो, इसके लिए रूट डायवर्जन किया गया। छोटा चौराहे से किसी वाहन को आगे नहीं बढ़ने दिया गया। वाहनों को लोक नगर की ओर से भेजा गया। वहीं आवास विकास से आने वाले वाहनों को हरदोई पुल से डायवर्ट किया गया।
दुलदुल की हुई जियारत
जुलूस के आगे दुलदुल (घोड़ा) चल रहा था। इसकी लोगों ने जियारत की। कहते हैं कि दुलदुल के कान में मनोकामना कहने से वह पूरी होती है।
अंगारों पर चले, नौहे पढ़े
सफीपुर। रात भर जियारत के लिए भीड़ उमड़ी। आग पर मातम किया गया। मंगलवार सुबह जुलूस उठाकर ताजिया करबला में दफन किए गए। मोहल्ला सैय्यदवाड़ा में देर रात अंगारों पर चलकर मातम किया गया। कस्बे के हाता बाजार से अलविदाई अलम उठाया गया जो कई मोहल्लों के इमामबाड़ों से होता हुआ आग के मातम पर पहुंचा। वहीं दूसरा जुलूस मोहल्ला सराय जामी से उठा और मोहल्ला चालाकन टोला, पीरजादगान, सैय्यदवाड़ा, किला बाजार होता हुआ करबला पहुंचा। जुलूस के दौरान लोगों ने मातम कर नौहे पढ़े।
पुरवा। ताजियों का जुलूस नगर के मोहल्ला जिंदवाबाड़ी से मिर्रीचौराहा स्थित करबला पहुंचा। यहां पर ताजियों को दफन किया गया। मो. असलम, शैफुद्दीन, तौफीक, सब्बीर व मुन्ना आदि जुलूस में शामिल रहे।
पाटन। तहसील क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर जुलूस निकाला गया। क्षेत्र के तकिया, पाटन, तेवरिया, बरवलिया, मनिकापुर, बिहार, भगवंत नगर में परंपरागत तरीके से ताजिया जुलूस निकाला गया।
फतेहपुर चौरासी। कस्बे में अंजुमन अर्सिया व हैदरी ने ताजियों का जुलूस निकाला। इसके अलावा गांव तकिया, दबौली, सैंता, टांडा आदि में भी ताजिये निकाले गए।
हसनगंज। न्योतनी, मोहान में इमामबाड़ों में सजे ताजियों को या अली या हुसैन के नारों के साथ नौहाख्वानी व सीनाजनी करते हुए
कर्बला में ले जाकर सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
चकलवंशी। कस्बा मियागंज, हैदराबाद, रसूलाबाद, मुंशीगंज, व मुशीराबाद में जुलूस निकाला गया। इस दौरान लखनऊ-बांगरमऊ मुख्य मार्ग लगभग चार घंटे तक बाधित रहा।
गंजमुरादाबाद। एक दर्जन स्थानों से ताजिये उठाए गए। भारी संख्या में अकीदतमंदों ने शिरकत की। (संवाद)

यह भी पढ़ें -  Unnao News: आत्मदाह की कोशिश की घटना में एसडीएम से मिला पीड़ित परिवार

उन्नाव। करबला के रेगिस्तान में इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत की याद में मोहर्रम की 10वीं तारीख पर शहर में ताजिया जुलूस निकाले गए। हुसैन की याद में नौहा पढ़ा गया। छुरी का मातम किया गया।

मजहबे इस्लाम और इंसानियत के लिए इमाम हुसैन साथियों सहित यजीदियों से जंग करते हुए शहीद हो गए थे। मंगलवार को अंजुमने हुसैनिया की अगुवाई में घरों और इमामबाड़े से ताबूत व अलम का जुलूस निकाला गया। सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में नौहे पढ़े गए। शहर में छोटा चौराहा से अलम का जुलूस उठा। ये बड़ा चौराहा, धवन रोड, कसाई चौराहा होकर गदियाना और छिपियाना गया। बाद में सभी ताजियों को दफन किया गया। इस मौके पर शबान, शारिफ, शादाब, शानू, वकार रजा, हसन जैदी, आफताब, फैज हुसैन आदि मौजूद रहे। इस मौके पर रक्तदान शिविर भी लगाया गया।

एडीएम नरेंद्र सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट विजेता ने जुलूस का जायजा लिया। यातायात प्रभावित न हो, इसके लिए रूट डायवर्जन किया गया। छोटा चौराहे से किसी वाहन को आगे नहीं बढ़ने दिया गया। वाहनों को लोक नगर की ओर से भेजा गया। वहीं आवास विकास से आने वाले वाहनों को हरदोई पुल से डायवर्ट किया गया।

दुलदुल की हुई जियारत

जुलूस के आगे दुलदुल (घोड़ा) चल रहा था। इसकी लोगों ने जियारत की। कहते हैं कि दुलदुल के कान में मनोकामना कहने से वह पूरी होती है।

अंगारों पर चले, नौहे पढ़े

सफीपुर। रात भर जियारत के लिए भीड़ उमड़ी। आग पर मातम किया गया। मंगलवार सुबह जुलूस उठाकर ताजिया करबला में दफन किए गए। मोहल्ला सैय्यदवाड़ा में देर रात अंगारों पर चलकर मातम किया गया। कस्बे के हाता बाजार से अलविदाई अलम उठाया गया जो कई मोहल्लों के इमामबाड़ों से होता हुआ आग के मातम पर पहुंचा। वहीं दूसरा जुलूस मोहल्ला सराय जामी से उठा और मोहल्ला चालाकन टोला, पीरजादगान, सैय्यदवाड़ा, किला बाजार होता हुआ करबला पहुंचा। जुलूस के दौरान लोगों ने मातम कर नौहे पढ़े।

पुरवा। ताजियों का जुलूस नगर के मोहल्ला जिंदवाबाड़ी से मिर्रीचौराहा स्थित करबला पहुंचा। यहां पर ताजियों को दफन किया गया। मो. असलम, शैफुद्दीन, तौफीक, सब्बीर व मुन्ना आदि जुलूस में शामिल रहे।

पाटन। तहसील क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर जुलूस निकाला गया। क्षेत्र के तकिया, पाटन, तेवरिया, बरवलिया, मनिकापुर, बिहार, भगवंत नगर में परंपरागत तरीके से ताजिया जुलूस निकाला गया।

फतेहपुर चौरासी। कस्बे में अंजुमन अर्सिया व हैदरी ने ताजियों का जुलूस निकाला। इसके अलावा गांव तकिया, दबौली, सैंता, टांडा आदि में भी ताजिये निकाले गए।

हसनगंज। न्योतनी, मोहान में इमामबाड़ों में सजे ताजियों को या अली या हुसैन के नारों के साथ नौहाख्वानी व सीनाजनी करते हुए

कर्बला में ले जाकर सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

चकलवंशी। कस्बा मियागंज, हैदराबाद, रसूलाबाद, मुंशीगंज, व मुशीराबाद में जुलूस निकाला गया। इस दौरान लखनऊ-बांगरमऊ मुख्य मार्ग लगभग चार घंटे तक बाधित रहा।

गंजमुरादाबाद। एक दर्जन स्थानों से ताजिये उठाए गए। भारी संख्या में अकीदतमंदों ने शिरकत की। (संवाद)

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