हॉर्नबिल पक्षी की कहानी: संतान के लिए तीन महीने घोंसले में कैद रहती है मां, नर नहीं लौटे तो मर जाता है परिवार

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Hornbill Birds Unique love Story Live Together For Life Whole Family Dies When The Male Does Not Come

हाॅर्नबिल पक्षी
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

 जैसे इंसान अपने लिए घर खोजते हैं, वैसे ही हाॅर्नबिल पक्षी पेड़ की डालियों की खुखाल में अपना घोंसला बनाते हैं। मादा हॉर्नबिल बच्चों को पालने के लिए करीब 3 महीने के लिए खुद को घोंसले में कैद कर लेती है। कैद के दौरान एक खुला छेद रहता है, ताकि उसे सांस और खाना मिल सके। नर हॉर्नबिल चोंच से खाना खिलाता है। अगर नर न लौटे तो मादा बच्चों के साथ ही घोंसले में मर जाती है। यह जानकारी देते हुए बाह के रेंजर आरके सिंह राठौड़ ने बताया कि हॉर्नबिल का स्थानीय नाम धनेश एवं वैज्ञानिक नाम बूसेरोस बिकोर्निस है।

प्रजनन सीजन (जनवरी से अप्रैल) में एशिया, अफ्रीका, मलेशिया आदि मुल्कों में पाये जाने वाले इस पक्षी की खूब चहचहाहट सुनी जा रही है। हॉर्नबिल चोंच से पेड की डाली और पिंडी को खोंटकर अपना घोंसला बनाते हैं। मादा खुद को घोंसले के अंदर कर अपने मल और फलों के गूदे से छेद को बंद कर देती है। घोंसले में एक या दो अंडे देती है। करीब 38 दिन की देखभाल के बाद अंडे से चूजे निकलते हैं। उनके उड़ने लायक होने तक नर घोंसले में भोजन पहुंचाता है। उन्होंने बताया कि मादा नर के मुकाबले छोटी होती हैं। इनकी लंबाई 95-110 सेमी, वजन 2-4 किग्रा, पंख फैलाव 50 सेमी होता है। चंबल सफारी जरार के निदेशक आरपी सिंह ने बताया कि हॉर्नबिल सफारी में भी मौजूद है।

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