[ad_1]
देशभर में कान्हा के भक्त ठाकुर श्रीबांकेबिहारी महाराज के शृंगार के फूलों से तैयार हर्बल गुलाल से होली खेल सकेंगे। वृंदावन के आश्रय सदन में रहने वाली निराश्रित एवं विधवा माताएं इस हर्बल गुलाल को तैयार करेंगी। इसके लिए मंदिर में ठाकुरजी को अर्पित फूलों का संग्रह शुरू हो गया है। वृंदावन के ठाकुर श्रीबांकेबिहारी के दर्शन को आने वाले भक्तों द्वारा बड़ी मात्रा में फूलमालाएं ठाकुरजी को अर्पित की जाती हैं। इसके अलावा श्रीबांकेबिहारी मंदिर में ठाकुरजी के शृंगार में फूलों का उपयोग बड़ी मात्रा में होता है। गर्मी में फूलबंगले सजाए जाते हैं। प्रतिदिन कई कुंतल विभिन्न प्रकार के फूल ठाकुरजी के शृंगार का हिस्सा बनते हैं। इन्हीं फूलों से वृंदावन के चैतन्य विहार स्थित महिला आश्रय सदन में ब्रजगंधा प्रसाद समिति के सहयोग से विधवा माताएं हर्बल गुलाल बनाती हैं। जिसे होली के लिए देशभर में भेजा जाता है। इस बार कोविड की तीसरी लहर के चलते गुलाल बनाने के कार्य में देरी हुई है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी अनुराग श्याम रस्तोगी ने बताया कि ठाकुरजी पर चढ़ाए गए फूलों से विधवा माताओं द्वारा तैयार होने वाले इस हर्बल गुलाल के प्रति लोगों का लगाव और मांग बढ़ रही है। इस गुलाल को या तो लोग आश्रय सदन में संपर्क कर खरीदते हैं या ऑनलाइन देशभर में बेचा जा रहा है।
ब्रज गंधा समिति के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर विक्रम शिवपुरी ने बताया कि बांकेबिहारी मंदिर से आने वाले फूलों से गुलाल बनाने का कार्य अगले सप्ताह शुरू किया जाएगा। इसमें वृद्ध माताएं अपनी सुविधा के अनुसार समय निकाल कर फूलों से हर्बल गुलाल तैयार करने का काम करतीं हैं। श्रीबांकेबिहारी मंदिर में चढ़ने वाला फूल सबसे ज्यादा आता है। इस दौरान प्रतिदिन लगभग 60 से 80 किलो फूल आते हैं, जिनका हर्बल गुलाल तैयार होगा।
ब्रज की होली के प्रमुख कार्यक्रम
10 मार्च : फाग आमंत्रण महोत्सव नंदगांव, लड्डू होली बरसाना।
11 मार्च : बरसाना की लठामार होली।
12 मार्च : नंदगांव की लठामार होली।
14 मार्च : श्रीकृष्ण जन्मभूमि, श्री द्वारिकाधीश और बिहारीजी मंदिर की होली।
16 मार्च : गोकुल की छड़ी मार होली।
18 मार्च : फालेन में धधकती आग से निकलेगा पंडा।
19 मार्च : होली।
20 मार्च : नंदगांव, जाब और दाऊजी में हुरंगा।
20 मार्च : चरकुला नृत्य मुखराई।
21 मार्च : गिडोह तथा बठैन में हुरंगा।
23 मार्च : रंग पंचमी फूलडोल मेला खायरा।
रविवार को ठाकुर श्रीबांकेबिहारी के मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। देश के कोने-कोने से आए भक्त अपने आराध्य के दर्शन की अभिलाषा लेकर मंदिर पहुंचे। सुबह पट खुलने के साथ ही मंदिर में भक्तों का रेला प्रवेश कर गया। ठाकुर श्रीबांकेबिहारी के जयकारों से मंदिर परिसर गुंजायमान होता रहा। हर कोई अपने आराध्य की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखा। सुबह से लेकर शाम तक मंदिर में भक्तों की भीड़ रही।
[ad_2]
Source link