[ad_1]
ख़बर सुनें
उन्नाव। कभी जगह न मिलने तो कभी बजट न होने से 16 साल से कूड़ा डंपिंग यार्ड शुरू नहीं हो पा रहा है। इसके कारण पालिका कर्मी मोहल्लों में खाली प्लाटों और सड़क किनारे कचरा फेंक रहे हैं। दुर्गंध के कारण राह चलना दूभर है। लोगों को संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा भी सता रहा है।
2007 में तत्कालीन सीएम मायावती जिले में आईं थी। उन्होंने कूड़ा डंपिंग की व्यवस्था न होने पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद कई जगह जमीन तलाशी गई लेकिन कुछ न हुआ।
वर्तमान में नगर निकायों में कूड़ा निस्तारण सबसे बड़ी समस्या है। लाखों टन कूड़ा सड़कों और हाईवे किनारे डंप किया जाता है। तीन नगर पालिकाओं में उन्नाव, गंगाघाट और बांगरमऊ में कोई डंपिंग यार्ड नहीं है। शहर में हुसैन नगर में 65 टीपीडी (टन प्रति दिन) का डंपिंग ग्राउंड बनना है लेकिन बजट नहीं मिला।
इससे नगर पालिका कांशीराम कालोनी, हाईवे पर मंडी परिषद और दहीचौकी औद्योगिक क्षेत्र के आसपास कूड़ा फेंक रही है। इसे जला दिया जाता है। यही हाल सभी 16 नगर पंचायतों का है। तीनों नगर पालिका और पंचायतों में कुल 19 एफआरएफ सेंटर (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर) बनाने पर 7.48 करोड़ रुपये खर्च किए गए। यहां भी उपकरण न होने से ये बेमतलब साबित हो रहे हैं।
दो प्लांट का शिलान्यास पर काम नहीं
विधानसभा चुनाव पहले 10 जनवरी 2022 को उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हुसैन नगर छह एकड़ में 6 करोड़ 72 लाख 57 हजार की लागत से प्रतिदिन 65 टन कूड़ा निस्तारण क्षमता का प्लांट और गंगाघाट (शुक्लागंज) में प्रतिदिन 50 टन कूड़ा निस्तारण की क्षमता वाले प्लांट का शिलान्यास किया था। अब तक इनकी बाउंड्रीवाल तक नहीं बन पाई है।
स्वच्छता सर्वेक्षण में जिले की रैंकिंग
2019 में 406
2020 में 282
2021 में 259
संक्रामक रोग का रहता डर
बंधूहार निवासी श्याम सुंदर शुक्ला ने बताया कि सफाई कर्मी खाली पड़े स्थानों पर कूड़ा भर देते हैं। इससे संक्रामक रोग का खतरा रहता है।
कांशीराम कालोनी निवासी शाकिर ने बताया कि नगर पालिका द्वारा कूड़ा कालोनी के पीछे डंप किया जाता है। इससे दुर्गंध फैलती है। लोग बीमार भी होते हैं।
नगर पालिका में कूड़ा निस्तारण यार्ड बनाया जाना है। जमीन भी चिह्नित कर ली गई है। प्रतिदिन 65 टन कूड़े का सुरक्षित तरीके से निस्तारण हो सकेगा। अभी बजट की कमी से निर्माण रुका है। बजट जारी कराने की कोशिश की जा रही है। दो माह में काम शुरू हो जाएगा। – ओम प्रकाश ईओ, नगर पालिका
उन्नाव। कभी जगह न मिलने तो कभी बजट न होने से 16 साल से कूड़ा डंपिंग यार्ड शुरू नहीं हो पा रहा है। इसके कारण पालिका कर्मी मोहल्लों में खाली प्लाटों और सड़क किनारे कचरा फेंक रहे हैं। दुर्गंध के कारण राह चलना दूभर है। लोगों को संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा भी सता रहा है।
2007 में तत्कालीन सीएम मायावती जिले में आईं थी। उन्होंने कूड़ा डंपिंग की व्यवस्था न होने पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद कई जगह जमीन तलाशी गई लेकिन कुछ न हुआ।
वर्तमान में नगर निकायों में कूड़ा निस्तारण सबसे बड़ी समस्या है। लाखों टन कूड़ा सड़कों और हाईवे किनारे डंप किया जाता है। तीन नगर पालिकाओं में उन्नाव, गंगाघाट और बांगरमऊ में कोई डंपिंग यार्ड नहीं है। शहर में हुसैन नगर में 65 टीपीडी (टन प्रति दिन) का डंपिंग ग्राउंड बनना है लेकिन बजट नहीं मिला।
इससे नगर पालिका कांशीराम कालोनी, हाईवे पर मंडी परिषद और दहीचौकी औद्योगिक क्षेत्र के आसपास कूड़ा फेंक रही है। इसे जला दिया जाता है। यही हाल सभी 16 नगर पंचायतों का है। तीनों नगर पालिका और पंचायतों में कुल 19 एफआरएफ सेंटर (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर) बनाने पर 7.48 करोड़ रुपये खर्च किए गए। यहां भी उपकरण न होने से ये बेमतलब साबित हो रहे हैं।
दो प्लांट का शिलान्यास पर काम नहीं
विधानसभा चुनाव पहले 10 जनवरी 2022 को उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हुसैन नगर छह एकड़ में 6 करोड़ 72 लाख 57 हजार की लागत से प्रतिदिन 65 टन कूड़ा निस्तारण क्षमता का प्लांट और गंगाघाट (शुक्लागंज) में प्रतिदिन 50 टन कूड़ा निस्तारण की क्षमता वाले प्लांट का शिलान्यास किया था। अब तक इनकी बाउंड्रीवाल तक नहीं बन पाई है।
स्वच्छता सर्वेक्षण में जिले की रैंकिंग
2019 में 406
2020 में 282
2021 में 259
संक्रामक रोग का रहता डर
बंधूहार निवासी श्याम सुंदर शुक्ला ने बताया कि सफाई कर्मी खाली पड़े स्थानों पर कूड़ा भर देते हैं। इससे संक्रामक रोग का खतरा रहता है।
कांशीराम कालोनी निवासी शाकिर ने बताया कि नगर पालिका द्वारा कूड़ा कालोनी के पीछे डंप किया जाता है। इससे दुर्गंध फैलती है। लोग बीमार भी होते हैं।
नगर पालिका में कूड़ा निस्तारण यार्ड बनाया जाना है। जमीन भी चिह्नित कर ली गई है। प्रतिदिन 65 टन कूड़े का सुरक्षित तरीके से निस्तारण हो सकेगा। अभी बजट की कमी से निर्माण रुका है। बजट जारी कराने की कोशिश की जा रही है। दो माह में काम शुरू हो जाएगा। – ओम प्रकाश ईओ, नगर पालिका
[ad_2]
Source link