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उन्नाव। शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए यूं तो कई बार योजनाएं बनीं और जोर शोर से पालन करने के दावे भी किए गए, लेकिन हर कवायद अबतक बेकार ही साबित हुई। मुख्य मार्गों पर अतिक्रमण, अवैध पार्किंग होने से शहर के सदर बाजार, कचहरी रोड, सब्जीमंडी, गंदा नाला, छोटा चौराहा सहित अन्य स्थानों पर दिन में कई बार जाम लगता है। गुरुवार सुबह कचहरी पुल से बड़ा चौराहा, सदर बाजार तक करीब पौन घंटे भीषण जाम लगा रहा। जाम में कई एंबुलेंस और अधिकारी भी फंसे।
खास बात यह है कि इन मार्गों से होकर जिले के अधिकारी भी निकलते हैं और जाम झेलते हैं, इसके बाद भी समस्या से निजात के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। हालात यह हैं कि आईबीपी चौराहा से गांधी नगर तिराहा तक की दस मिनट की दूरी तय करने में लोगों को तीस से चालीस मिनट का वक्त लगता है।
योजना-एक
जाम की समस्या हल करने के लिए नगर पालिका प्रशासन ने दो साल पहले पार्किंग स्थल बनाने योजना बनाई थी। सबसे ज्यादा जाम प्रभावित क्षेत्र सदर बाजार और बड़ा चौराहा के आसपास सड़क पर वाहनों की पार्किंग खत्म करने के लिए सदर बाजार में अताउल्ला नाला के पास, कचहरी पुल के नीचे और पुरानी रेलवे क्रॉसिंग के पास पार्किंग जोन बनाने योजना थी। लेकिन योजना दो साल बाद भी अमल में नही आई। पार्किंग बनने से कचहरी पुल और सदर बाजार में सड़क पर वाहन खड़े होने और जाम की समस्या से निजात मिलती।
योजना-दो
नगर पालिका ने सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में रखे गए प्रस्ताव पर बहु आवागमन वाले प्रमुख स्थानों पर फुटपाथ खाली कराने की योजना बनाई थी। इसके लिए शहर में दस नो-वेंडिंग जोन और आठ वेंडिंग जोन चिन्हित किए गए थे। लेकिन यह योजना भी कागजों तक ही सीमित रही। केवल कचहरी पुल के नीचे एक वेंडिंग जोन बन पाया है। जिला अस्पताल, आवास विकास और स्टेशन रोड पर वेंडिंग जोन योजना फाइलों में दबी है। हालांकि जिला अस्पताल रोड पर पालिका ने नाले के ऊपर कुछ गुमटी दुकानें रखवाई थीं। लेकिन नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए लोगों के विरोध पर दुकानें हटवा दी गईं थीं।
योजना-तीन
शहर की यातायात व्यवस्था को ध्वस्त करने और जाम की समस्या की वजह बने ई-रिक्शा और ऑटो के रूट तय करने के लिए नगर पालिका ने पिछले साल योजना बनाई थी। शहर में चलने वाले 2100 रिक्शा और ऑटो के लिए अलग-अलग रंग के स्टिकर बनवाए गए थे। योजना थी कि पड़ाव अड्डा के आधार पर रोस्टर बनाकर इनका संचालन कराया जाएगा। पांच नवंबर 2022 को पालिका में हुई बैठक में ऑटो और ई रिक्शा चालकों ने किसी रूट पर ज्यादा सवारियां और कमाई तो किसी पर कम कमाई को लेकर आपत्ति जताई थी। इसपर अधिकारियों ने हर महीने रोस्टर में बदलाव कर सभी को बराबर मौका देने की बात कही थी लेकिन योजना पर अबतक अमल नहीं हो सका।
सदर बाजार, बड़ा चौराहा, शाहगंज, अताउल्ला नाला के आसपास, छोटा चौराहा, कचहरी रोड, गांधीनगर तिराहा, जिला अस्पताल रोड, कानपुर टेंपो स्टैंड से आदर्श नगर नहर, अंबेडकर पार्क तिराहा।
चिन्हित नो-वेंडिंग जोन
डीएम आवास के सामने, कलक्ट्रेट, एसपी कार्यालय के सामने, गांधीनगर तिराहा, प्रकाश गेस्ट हाउस के सामने, गदनखेड़ा बाइपास चौराहा, आवास विकास बाइपास तिराहा, बड़ा चौराहा से आईबीपी चौराहा तक, बड़ा चौराहा से छोटा चौराहा तक, जनपद न्यायालय से पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस तक का क्षेत्र।
चिन्हित वेंडिंग जोन
कलक्टरगंज, स्टेशन रोड, धवनरोड, आवास विकास कालोनी, मोतीनगर, पीडी नगर, जिला अस्पताल के सामने व पुराना जिला अस्पताल।
नगर पालिका प्रशासक/एसडीएम अतुल कुमार ने बताया कि व्यवस्था दुरुस्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। शहर को सुव्यवस्थित करने के लिए पूर्व में बनाई गईं योजनाओं की भी समीक्षा कर लागू किया जाएगा। ई रिक्शा के रूट तय करने के सवाल पर बताया कि दो दिन पहले ही मीटिंग में इसपर चर्चा की है। जल्द ही अमल किया जाएगा।
यातायात प्रभारी भुवन सिंह ने बताया कि गुरुवार सुबह कुछ लोग पैदल ज्ञापन देने जा रहे थे। इससे कचहरी पुल व मार्ग पर जाम लगा था। अतिरिक्त यातायात पुलिस कर्मियों को लगाकर जाम खुलवा दिया गया था। सड़क पर वाहन पार्किंग पर बताया कि रोजाना हिदायत और दस-बीस गाड़ियों का चालान कर रहे हैं। अवैध पार्किंग पर अंकुश लग रहा है।
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