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सेहत के लिए नींद जरूरी
– फोटो : istock
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जैसे-जैसे दिन गर्म होते जा रहे हैं और रातें छोटी होती जा रही हैं, वैसे-वैसे आपके सोने के तरीकों में उतार-चढाव हो सकता है, मगर ये पहले से ऐसा नहीं था। यानि वर्तमान में हमारी आदतों के बदलने से हमारी पूरी दिनचर्या बदल चुकी है। जिसके परिणामस्वरूप अब हम रात में देर से सोते हैं और सुबह दिन में देर से उठते हैं।
ऐसे में अपनी बेहतरीन नींद को वापस पाने के लिए विश्व नींद दिवस से बेहतर और कौनसा दिन हो सकता है? जो लोग रात में पूरी नींद नहीं लेते, या देर रात तक जागते हैं, उनके लिए विश्व नींद दिवस के बारे में जानना जरूरी है।
इस साल, वर्लड स्लीप डे की थीम- स्लीप इज एसेंशियल फॉर हेल्थ रखा गया है, जिसका मतलब है- नींद सेहत केलिए जरूरी है। अच्छे स्वास्थ्य और तंदरुस्ती को बनाए रखने में नींद की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है, ये जानने के बावजूद भी दुर्भाग्य से हम अपर्याप्त नींद के परिणामों को अक्सर अनदेखा कर देते हैं। इसी कारण, आराम और पर्याप्त नींद के महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए, साल 2008 से आधिकारिक तौर पर विश्व नींद दिवस को हर साल मार्च केतीसरे शुक्रवार को मनाया जाता है।
अच्छी नींद न लेने या नींद के असमय होने से, मानसिक तनाव, शरीर में ऊर्जा का कम होना, थकान, अप्रत्याशित बीमारियां आदि को देखा जा सकता है। अपर्याप्त नींद के कारण मानव शरीर को बहुत हानि पहुँचती है, जिसको नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। नियमित नींद न लेने के पीछे बहुत से कारण हैं, जिसमें हमारी दिनचर्या में बदलाव केकारण रात और सुबह बदल गए हैं, जिसमें कृत्रिम रोशनी, हमारे काम करने के तरीके, अच्छे व संतुलित भोजन का गायब होना, रात्रि व दिन में भोजन के समय का बदलना और निजी व कामकाजी जीवन में असंतुलन के कारण अवसाद आदि मुख्य हैं।
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