[ad_1]
उन्नाव। निजीकरण और लंबित समस्याओं पर हुए समझौते को सरकार द्वारा न मानने पर बिजली इंजीनियर व कर्मचारियों द्वारा की गई 72 घंटे की हड़ताल के दूसरे दिन शनिवार दोपहर बाद शहर की बिजली आपूर्ति में सुधार हुआ। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में देर शाम तक बिजली संकट बरकरार रहा। औद्योगिक क्षेत्र में बिजली की आवाजाही से उत्पादन प्रभावित होने पर आईआईए ने शासन, प्रशासन से सुधार की मांग की।
गुरुवार रात 10 बजे से बिजली कर्मचारी 72 घंटे की हड़ताल पर हैं। इससे शुक्रवार को आधे शहर में देर रात तक बिजली संकट बना रहा था। कुछ जगह लोगों ने उपकेंद्र पर पहुंचकर प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद अधिकारियों ने संविदाकर्मियों के माध्यम से फाल्ट दुरुस्त कराने का काम शुरू किया था। इससे रात 12 बजे से एबीनगर, इंद्रानगर, गांधीनगर, शेखपुर आदि क्षेत्रों की आपूर्ति बहाल हो गई थी। वहीं आधी रात से ही सिविल लाइन, रामपुरी, कब्बाखेड़ा, मौहारीबाग, पूरननगर, दरोगाबाग आदि क्षेत्रों की बिजली गुल हो गई थी।
पूरी रात क्षेत्र में बिजली नहीं आई। शनिवार सुबह कब्बाखेड़ा में किसान मेले में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आने का समय होते देख प्रशासनिक अधिकारियों ने आनन-फानन प्राइवेट कर्मियों को लगाकर मरम्मत शुरू कराई। 10:30 बजे वीआईपी क्षेत्र सिविल लाइंस सहित कब्बाखेड़ा उपकेंद्र से जुड़े क्षत्रों की बिजली आपूर्ति बहाल हो सकी। आपूर्ति बाधित न हो इसके लिए प्रशासन ने पुलिस अधिकारियों को कब्बाखेड़ा उपकेंद्र भेजकर स्थितियों पर नजर बनाए रखी।
शनिवार देर शाम तक शहरी क्षेत्र के अधिकांश मोहल्लों में बिजली आपूर्ति सामान्य रही। उधर, बिजली कर्मचारी पीडीनगर उपकेंद्र में पूरे दिन धरने पर बैठे रहे। इंसेट आईआईए चेयरमैन ने सुचारू बिजली आपूर्ति कराने की मांग की
उन्नाव। आईआईए (इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) के चेयरमैन अरुण कुमार माहेश्वरी ने शासन, प्रशासन को भेजे गए पत्र में बताया कि कर्मचारियों की 72 घंटे की हड़ताल से फाल्ट एवं अन्य तकनीकी समस्याओं के कारण सुचारू बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इससे उत्पादन प्रभावित हो रहा है। इससे उद्यमियों को निर्यात एवं आपूर्ति में बाधा आएगी। आपूर्ति आदेश रद्द होने पर करोड़ों रुपये की क्षति उठानी पड़ेगी। चेयरमैन ने बताया कि डीएम से संपर्क करने के बाद कुछ स्थानों पर विद्युत आपूर्ति कई घंटों बाद बहाल की गई, लेकिन बंथर, नेहरूबाग आदि औद्योगिक क्षेत्र में अभी भी समस्या बनी है। आईआईए के जीएन मिश्र, मोहन बंसल, अशोक गर्ग, कांति मोहन गुप्ता, अरुण खन्ना, संदीप शुक्ला आदि ने हड़ताल समाप्त कराकर बिजली आपूर्ति बहाल कराने की मांग की।
औरास में 35 घंटे गुल रही बिजली
औरास। औरास ब्लाक के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत उपकेंद्र औरास से आपूर्ति की जाती है। बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से शुक्रवार सुबह से सारे क्षेत्र की आपूर्ति ठप हो गई। जो शनिवार शाम पांच बजे आई। उधर, फतेहपुर चौरासी में 24 घंटे बाद बिजली आपूर्ति सामान्य हो सकी।
सफीपुर क्षेत्र में शुक्रवार रात 9 बजे बिजली सप्लाई बंद हो गई। शनिवार शाम को खोखापुर स्थित पावर हाउस पहुंचे एसडीएम हसनगंज अंकित शुक्ला व उपजिलाधिकारी सफीपुर शिवेंद्र वर्मा ने मौजूद कर्मचारियों से जानकारी ली तो सभी ने तकनीकी कार्य न आने का बहाना बनाया। इस पर अधिकारियों ने सख्ती की तो कर्मचारी बैकफुट पर आ गए। इसके बाद पहले खोखापुर और उसके बाद हसनगंज, रसूलाबाद, मियागंज, आसीवन, सफीपुर नगर व ग्रामीण क्षेत्र की सप्लाई बहाल हो सकी। 20 घंटे बाद बिजली आपूर्ति मिलने से सभी ने राहत की सांस ली। वहीं लगातार बिजली गुल होने से सीएचसी में रखे फ्रीजर में टीकाकरण के वायल खराब होने का खतरा मंडराने लगा। इसको देखते हुए प्रतिरक्षा अधिकारी सचिन सिंह बार, बार तापमान देखते रहे। अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार वर्मा ने कहा कि जांच तो स्लाइड व किट के माध्यम से होती रही पर दवा बचाने के लिए जनरेटर चलाना पड़ा। डीजल खर्च का बिल उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा।
24 घंटे से अधिक बाधित रही बिजली
-नवाबगंज। कस्बे की बिजली आपूर्ति 24 घंटे से अधिक समय से बाधित होने की सूचना पर हसनगंज एसडीएम अंकित शुक्ला अजगैन विद्युत उपकेंद्र पहुंचे। उपकेंद्र में बैठे कर्मियों से आपूर्ति बाधित होने के संबंध में जानकारी ली तो कर्मियों ने सोनिक पावर स्टेशन से ही सप्लाई न मिलने की बात कही। इसके बाद एसडीएम ने सभी 13 लाइनमैन से लिखित पत्र लेकर सोनिक पावर स्टेशन के अधिकारियों से बात की। इसके बाद शाम 4 बजे के करीब पहले सोहरामऊ और साढ़े पांच बजे अजगैन, नवई व नवाबगंज कस्बे की आपूर्ति चालू हुई।
16 आउटसोर्सिंग कर्मियों पर लटकी तलवार
बिजली आपूर्ति सुचारू करने में सहयोग न करने पर आउटसोर्सिंग कंपनी बेसिल (ब्रॉडकास्ट इंडिया प्रालि) के 16 कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। बेसिल कंपनी के जिला प्रभारी आशीष सैनी ने बताया कि जिन कर्मियों ने बिजली आपूर्ति सुचारू करने में सहयोग नहीं किया है उन पर कार्रवाई के लिए सूची बनाकर मुख्यालय भेज दी गई है। सूची में 16 कर्मचारियों के नाम शामिल हैं। उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद इन कर्मचारियों पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
[ad_2]
Source link