गरजा बुलडोजर : उस्मान के बाद गुलाम ने ही पीछे से उमेश पाल पर बरसाई थीं गोलियां, पांच लाख का इनाम है घोषित

0
14

[ad_1]

उमेश पाल हत्याकांड में नामजद होने के बाद फरार शूटर गुलाम हसन के पुश्तैनी मकान को सोमवार को पीडीए ने जमींदोज कर दिया। गुलाम पर पांच लाख रुपये का इनाम है। 25 दिन से फरार गुलाम की तलाश में सात राज्यों में दबिश के बाद भी वह एसटीएफ के हाथ नहीं लग सका है। 

हत्याकांड के दिन सत्र न्यायालय से घर पहुंचने पर क्रेटा कार से उतरने के बाद उमेश पर उस्मान उर्फ विजय चौधरी के बाद गुलाम ने ही ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। रमजान से पहले पीडीए की इस कार्रवाई से माफिया अतीक गैंग में एक बार फिर खलबली मच गई है।



शिवकुटी थाना क्षेत्र के रसूलाबाद में मुख्य मार्ग पर 335 वर्ग गज रकबा में बने इस पुश्तैनी मकान को तोड़ने के लिए दिन के 11 बजे ही पीडीए का दस्ता पुलिस-पीएसी के साथ पहुंच गया। दस्ते के पहुंचने के पहले ही घर का सामान बाहर निकाला जा चुका था।

कुछ पंखे व अन्य सामान पीडीए के कर्मचारियों ने निकलवाया और फिर 12:20 बजे सबसे पहले पोकलैंड मशीन से मकान के आगे के हिस्से को तोड़ते हुए भीतर तक जाने का रास्ता बनाया जाने लगा।


पीडीए के अफसरों का कहना था कि भवन सरकारी भूमि पर बना है और इसका मानचित्र भी पारित नहीं कराया गया है। ऐसे में इस अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया गया है। उस दौरान वहां मौजूद गुलाम के बड़े भाई भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष राहिल हसन और उसकी मां खुशनुदा ने किसी तरह का विरोध नहीं किया। करीब 1.45 घंटे में दो बुलडोजर और एक पोकलैंड लगाकर पूरे भवन को ध्वस्त करा दिया गया।


यह भी पढ़ें -  प्रशासन का एक रूप यह भी: मेरठ में डीएम और एसपी ने हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर की पुष्प वर्षा

इस भवन के अगले हिस्से में चार दुकानें भी थीं। इनमें टेलरिंग शॉप,सैलून, सब्जी की दुकान और एक घड़ी की दुकान थी। तोड़ने से पहले किराये पर दी गई इन चारों दुकानों को भी खाली करा लिया गया था। इस भवन के पिछले हिस्से में गली के भीतर 10 कमरों का लॉज भी चलाया जा रहा था। उसे भी पीडीए ने ढहवा दिया।

मुझे नहीं पता था कि वह इस तरह के गलत काम में लगा हुआ है। जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मेरा उससे कोई लेना देना नहीं है। लेकिन, मैं इतना जरूर कहूंगी कि निर्दोषों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। हम लोग निर्दोष हैं। मैं परदे में रहने वाली महिला हूं। आज उसने मुझे और मेरे परिवार को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया। – खुशनुदा, गुलाम की मां।


भाई राहिल हसन बोला, गुलाम का एनकाउंटर हुआ तो शव लेने नहीं जाऊंगा

शूटर गुलाम हसन के भाई भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व जिलाध्यक्ष राहिल हसन ने घर पर बुलडोजर चलाए जाने से पहले सरकार की इस कार्रवाई को जायज ठहराया। कहा कि अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। राहिल ने कहा कि अगर गुलाम का इस घटना को लेकर एनकाउंटर हो जाता है, वह वह उसका चेहरा देखना तो दूर शव लेने भी नहीं जाएगा।

राहिल हसन ने बताया कि वह कई साल पहले से भाजपा के लिए काम कर रहा था। जिन दिन उमेश पाल की हत्या हुई उस शाम को भी उसने कार्यकर्ताओं को बुलाया था और 2024 में मोदी को फिर से पीएम बनाने के लिए रणनीतिक बैठक की थी। उसे और उसके परिवार के लोगों को गुलाम की गतिविधियों को बारे में जानकारी नहीं थी। राहिल ने बताया कि गुलाम कट्टर स्वभाव का था।


[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here