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Umesh Pal Hatyakand
– फोटो : अमर उजाला
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हत्या से पहले उमेश पाल की हर गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। असद पल पल की जानकारी रेकी करने वालों ले रहा था, जिस दिन उमेश की हत्या होने वाली थी, रेकी करने वाले सुबह से ही एक्टिव थे। असद को उमेश के हर मूवमेंट की जानकारी दी जा रही थी। जब उमेश कचहरी से चला तो रेकी करने वालों की भी गाड़ी पीछे लग गई।
उमेश की गाड़ी किस चौराहे से किधर मुड़ी, असद लाइव सुन रहा था। जिन लोगों को रेकी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उसमें सबसे प्रमुख नाम धूमनगंज के नियाज अहमद का है। हत्या से कुछ दिन पहले असद ने नियाज अहमद की अतीक और अशरफ से मोबाइल फोन से बात कराई थी।
इसके बाद उमेश की हत्या से संबंधित चकिया स्थित अतीक के घर में जितनी बैठकें हुईं, नियाज सभी में शामिल हुआ। नियाज ने कचहरी से उमेश का पीछा किया। वह असद को बताता रहा कि उमेश की गाड़ी कहां पहुंची। किस तरफ मुड़ी। किस स्पीड से चल रही है। कौन कौन गाड़ी में बैठा है।
जयंतीपुर धूमनंगज का रहने वाला मो. सजर, उमेश पाल का पड़ोसी है। असद ने उसे इसलिए चुना कि वह उमेश की हर गतिविधियों की जानकारी पहुंचाता रहे। इसके लिए असद ने उसे एक आईफोन दिया था। मो. सजर से कहा गया था कि वह सिर्फ इंटरनेट कालिंग के जरिए उमेश की गतिविधियों की जानकारी देगा।
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