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उन्नाव। खेत और रास्ते के बीच बने कुएं में सिर्फ साकिर और दिलवर ने ही जान नहीं गंवाई, बल्कि तीन साल में तीन और लोग इसके कारण जिंदगी खो चुके हैं। इसके बावजूद अफसर नहीं जागे। हादसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। आज भी यह मौत का कुआं यूं ही खुला पड़ा है। एसडीएम ने लेखपाल को भेजकर जांच कराने की बात कही है।
माखी थानाक्षेत्र के गांव थाना के पास संचालित एक बिक्र फील्ड से पहले खेत और आने जाने के लिए बने रास्ते में बना कुआं हादसों की वजह साबित हो रहा है। कुआं खुला है। इसकी मुंडेर तक नहीं है। चारों ओर उगी झाड़ियों के कारण यह राहगीरों को नजर भी नहीं आता और वह हादसों का शिकार हो जाते हैं।
2020 में छत्तीसगढ़ की रहने वाली और क्षेत्र के एक ईंट भट्ठे पर काम करने वाली शांति रात के अंधेरे में बाजार से वापस जाते समय कुएं में गिर गई थी। पानी में डूबने से उसकी भी मौत हो गई थी। इसी तरह, 2021 में खेत जा रहे थाना गांव के अंशु की भी इसी कुएं में गिरने से मौत हो गई थी। इनके अलावा एक किशोरी की भी इस कुएं में गिरकर मौत हो गई थी।
माखी थानाध्यक्ष रामआसरे चौधरी ने बताया कि दोनों मृतकों की पत्नियों की तहरीर पर शवों के पोस्टमार्टम कराए गए हैं। कोई आरोप नहीं लगाया है। कुआं खुला पड़ा है क्योंकि उसकी पूजा की जाती है। खेत मालिक या प्रधान मिलकर कुआं बंद कराने का प्रार्थनापत्र देंगे तो रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी जाएगी।
एसडीएम सदर नूपुर गोयल का कहना है कि उन्हें मंगलवार को हुई सिर्फ दो मौतों की ही जानकारी है। इससे पहले भी मौत हुई हैं तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा। गुरुवार को टीम भेजकर मौके व कुएं की जांच कराई जाएगी। फिर जरूरत के अनुसार कुएं के चारों तरफ जगत निर्माण कराया जाएगा।
कुएं में गिरने से बाइक सवार श्रमिक जिला लखीमपुर खीरी के थानाक्षेत्र धौराहरा के गांव रकेहरी निवासी दिलवर और मुन्नालाल पुरवा के साकिर की मंगलवार शाम मौत हो गई थी। बुधवार को दोनों शवों का पोस्टमार्टम हुआ। इसमें कुएं में पानी भरा होने से डूबने से मौत की पुष्टि हुई। पोस्टमार्टम के बाद शव मिलते ही परिजन सीधे लखीपुर खीरी लेकर चले गए। उधर, घटना में घायल हारुन की हालत में फिलहाल सुधार है। भट्ठे में काम करने वाले श्रमिक इमरान ने बताया कि मालिक ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये मुआवजे का आश्वासन दिया है।
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