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बेकाबू वाहन ने रौंद दिया था पांच लोगों को
नौरंगिया स्कूल टोला में घटित घटना ने 18 फरवरी 2017 की इसी गांव की घटना को फिर से लोगों के जेहन में ताजा कर दिया। नौरंगिया स्कूल टोला निवासी श्यामसुंदर तिवारी की बेटी की शादी थी।
दरवाजे पर धूमधाम से बरात पहुंची थी। मांगलिक गीतों के बीच शहनाई बज रही थी। द्वारपूजा के दौरान बराती, घराती और गांव के लोग सड़क के किनारे खड़ा होकर आर्केस्ट्रा की नर्तकियों का नृत्य देख रहे थे। उसी दौरान काल बनकर आया एक वाहन लोगों को रौंदते हुए निकल गया था।
26 अप्रैल 2018 को सुबह गोरखपुर से सिवान जा रही पैसेंजर ट्रेन की चपेट में एक स्कूल वैन आ गई थी। दुदही के बहपुरवा ढाले पर हुई इस दुर्घटना में 13 मासूमों की मौत हो गई थी। वैन गेंद की तरह उछलकर दूर गड्ढे में जा गिरी थी।
यह हादसे सुबह करीब छह बजे हुआ था। चालक समेत चार बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए थे। दुर्घटना के बाद बहपुरवा ढाला पर भीड़ एकत्र हो गई थी। चारों तरफ मासूमों के शव गिरे पड़े थे। दुर्घटना के दो घंटे के अंदर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पहुंच गए थे। अब इस बहपुरवा फाटक पर अंडरपास बना दिया गया है। यह बच्चे विशुनपुरा थाना क्षेत्र के दुदही बाजार में बिना मान्यता संचालित डिवाइन मिशन स्कूल में पढ़ते थे। वैन का चालक ईयरफोन लगाकर वाहन चला रहा था, जिससे ट्रेन का हॉर्न उसे सुनाई नहीं दिया था। उस वैन में भेड़िहारी टोला, मिश्रौली, मैहरवा एवं पडरौन मडुरही गांव के 17 बच्चे बैठे थे।
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