शनिवार सवेरे एक ट्रक चालकर डस्ट लेकर पुल से गुजर ही रहा था कि बीच में पहुंचते ही पुल धराशायी हो गया। ट्रक पीछे की तरफ से नहर में लटककर झूलने लगा तो ट्रक का अगला हिस्सा ऊपर उठ गया। ऐसे में ट्रक चालक भी हवा में ही लटका रहा। काफी देर बाद जैसे तैसे चालक ने कूदकर नीचे आया और किनारे पर पहुंचा। वहीं राहगीरों ने दौड़कर उसका हाल पूछा। काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणें ने ट्रक से डस्ट को नहर में ही खाली किया।
जानकारी के अनुसार इस पुल का ब्रिटिश काल में बनवाया गया था। तभी से इस पर आवागमन जारी था। काफी पहले ही इस पुल का समय पूरा हो गया था, ऐसे में पुल कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता था। इसे लेकर पुल पर चेतावनी बोर्ड भी लगाया गया था। हालांकि क्षेत्रवासी लगातार नए पुल के निर्माण की मां कर रहे थे लेकिन शनिवार को आखिरकार हादसा हो गया।
साथ ही सलावा ग्राम को जोड़ने वाला पुल है। गौरतलब है कि सलावा में प्रधानमंत्री की प्राथमिक योजनाओं में शामिल खेल विश्वविद्यालय सलावा गांव में ही प्रस्तावित है। पीएम मोदी ने सलावा गांव में ही खेल विवि का शिलान्यास किया था। इस दौरान भी ग्रामीणों ने पुल के दोबारा निर्माण की मांग उठाई थी, लेकिन अधिकारियों ने इसे अनसुना कर दिया।
सलावा संपर्क मार्ग पर दिन निकलते ही धसे गंगनहर पुल पर निरीक्षण को घटना के कई घंटे बाद भी सिंचाई विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इसके बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। बता दें कि इसी पुल के नीचे से सलावा विद्युत गृह के लिए भी पानी जाता है। हालांकि विद्युत विभाग का भी कोई अधिकारी हादसे के बाद मौके पर नहीं पहुंचा।