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परियर (उन्नाव)। सफीपुर कोतवाली के अतहा गांव में खेलते समय कच्चे नाले में गिरे आठ साल के बच्चे की डूबकर मौत हो गई। करीब चार महीने पहले ग्राम पंचायत ने यहां जलनिकासी के लिए कच्चा नाला खोदा गया था। मृतक के परिजनों ने ग्राम पंचायत सचिव की लापरवाही से बच्चे की मौत होने का आरोप लगाया है।
सफीपुर कोतवाली के अतहा गांव में चार महीने पहले ग्राम पंचायत की ओर जल निकासी के लिए पांच सौ मीटर लंबा और आठ फिट गहरा नाला खोदा गया था। अभी तक नाले का पक्का निर्माण नहीं कराया गया है। शनिवार शाम इसी गांव निवासी दिनेश का आठ साल का बेटा आलोक शाम पांच बजे खेलने के लिए घर से निकला था। देर शाम तक नहीं लौटा तो परिजनों तलाश शुरू की। बेटे की तलाश कर रहे दिनेश को देर शाम घर से करीब सौ मीटर की दूर नाले में आलोक का सिर दिखा।
परिजनों ने तुरंत उसे निकाला और पास के एक नर्सिंगहोम लेकर पहुंचा जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। आलोक चार भाई-बहनों में सबसे छोटा था। वह गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में कक्षा तीन का छात्र था। परिजनों व ग्रामीणों का आरोप है कि बस्ती के बीच आठ फिट गहरा और करीब चार फिट चौड़ा नाला खोद दिया गया। लेकिन चार महीने बाद भी उसका पक्का निर्माण नहीं कराया गया। इसी वजह से बच्चे की जान गई। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के अन्य बच्चों के लिए भी यह नाला खतरा बना हुआ है।
वहीं सचिव महेंद्र भूषण सक्सेना ने बताया कि अतहा गांव में जलभराव की समस्या को देखते हुए बंद हो चुके इस पुराने नाले की खोदाई कराई गई थी। पावा गांव के पास स्थित झील तक करीब एक किमी पक्का नाला निर्माण के लिए बजट मांगा गया था। बजट न होने से निर्माण नहीं हो पाया।
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