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प्रयोगशाला
– फोटो : अमर उजाला
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मानव और जीव-जंतु की संरचना कैसी होती है ? हमारी पृथ्वी कैसी दिखती है ? सौरमंडल में कौन-कौन से गृह पृथ्वी के चक्कर लगा रहे हैं ? गुरुत्वाकर्षण बल किस तरह काम करता है ? यह सब किताबों में चित्र के माध्यम से बच्चे समझते हैं, लेकिन अब प्रदेश सरकार की पहल पर विज्ञान मंदिर योजना में प्राचीन भारतीय विज्ञान की आधुनिक प्रयोगशाला के तहत गांवों में ही आओ सीखें विज्ञान कार्यक्रम संचालित होगा।
योजना में जिले के कंपोजिट (हिंदी एवं अंग्रेजी माध्यम ) स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण होगा। यहां बड़े-बड़े मॉडल रखे जाएंगे और बच्चे विभिन्न खगोलीय गतिविधि एवं विज्ञान से जुड़ी कई जानकारियां सीखेंगे। हरेक प्रयोगशाला के निर्माण पर करीब ढ़ाई लाख रुपये खर्च होंगे।
प्रशिक्षक के साथ उपलब्ध होंगे संसाधन
प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना विज्ञान मंदिर, प्राचीन भारत की प्रयोगशाला के तहत कंपोजिट स्कूलों में शुरू होगी। विज्ञान प्रयोगशाला में विज्ञान से जुड़े टेलीस्कोप समेत अन्य उपकरण उपलब्ध होंगे। स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे विज्ञान के सिद्धांतों के साथ ही उससे जुड़े चमत्कारों को जानेंगे। इसके लिए विज्ञान प्रयोगशाला में संसाधनों के साथ ही ट्रेनर की तैनाती की जाएगी। जो बच्चों को विज्ञान विषय से जुड़ी बारीकियों के बारे में जानकारी देंगे।
योजना में जिले के कंपोजिट विद्यालयों का चयन किया गया है। प्रयोगशाला के माध्यम से स्कूली बच्चे विभिन्न खगोलीय गतिविधि एवं विज्ञान से जुड़ी कई जानकारियां सीखेंगे। प्रत्येक प्रयोगशाला को बनाने पर करीब ढाई लाख रुपये का बजट खर्च होगा। इनकी देखरेख का जिम्मा पंचायतराज विभाग एवं संबंधित ग्राम पंचायतों के पास होगा। – धनंजय जायसवाल, जिला पंचायत राज अधिकारी
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