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बिछी हुई फसल
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
अलीगढ़ में 16 मार्च से पहली अप्रैल के बीच हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को लगभग 10 से 15 फीसदी तक नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन ने इसका सर्वे कराने के बाद रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अब इस पर मुआवजा शासन स्तर से मिलने का इंतजार है। हालांकि नुकसान का ये अनुपात शासन के मानकों पर मुआवजे के लिए फिट नहीं बैठता है। इसलिए किसान मुआवजे के दायरे में आते नहीं दिख रहे हैं। शासन से 33 फीसद से अधिक नुकसान होने पर ही मुआवजे का निर्धारण होता है।
मौसम का बदला मिजाज किसानों के लिए बड़ी मुसीबत लेकर आया है। जिले में कई जगहों पर बारिश एवं ओलावृष्टि के साथ तेज हवाओं की वजह से खेतों में खड़ी गेहूं एवं सरसों की फसलों का काफी नुकसान पहुंचा है। देहात क्षेत्र के इगलास, जवां, अतरौली, गभाना, खैर, हरदुआगंज क्षेत्र में तेज बारिश से गेहूं की फसलें बिछ गई हैं। इसके अलावा चंडौस, पिसावा, लोधा, बरला, दादों, छर्रा में भी बारिश से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। यहां बारिश के चलते आसमान में तेज हवाएं चलने से गेहूं की फसल गिरने से फसलों को नुकसान हुआ है, तो सरसों की कटी फसल बारिश में भीग गई है।
कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो इस बारिश के कारण किसानों को सभी प्रकार की फसलों में काफी नुकसान पहुंचा है। एडीएम वित्त एवं राजस्व मीनू राणा ने भी सोमवार को हरदुआगंज इलाके में पहुंचकर फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि बारिश से फसलों को हुए नुकसान का सभी तहसीलों में सर्वे कराया गया है। सबसे अधिक इगलास तहसील में 15 फीसद एवं अतरौली, गभाना, खैर एवं कोल तहसील में करीब 10 फीसद से कम नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि सर्वे रिपोर्ट को शासन को भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि किसी भी तहसील में मुआवजे के दायरे में कोई भी किसान नहीं मिला है। फसलों में 33 फीसद से अधिक का नुकसान होने पर ही मुआवजा देने का प्रावधान है।
जितना नुकसान उतना मिले मुआवजा
किसान नेता डॉ. शैलेंद्र पाल सिंह ने सरकार से मांग रखी है कि बारिश, आंधी, ओलावृष्टि एवं दैवीय आपदा में क्षतिग्रस्त होने वाली फसलों को लेकर शासन के तय मानकों में फेरबदल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसानों को 33 फीसद से अधिक नुकसान होने पर ही मुआवजा देने का प्रावधान है। इससे पहले भले ही चाहें जितना नुकसान हो जाए, लेकिन किसानों को कोई मुआवजा नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने मांग रखी है कि सरकार किसानों को जितना नुकसान हुआ है उतना ही मुआवजा दे।
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