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Kaushambi : कौशांबी महोत्सव में प्रवचन करते कवि कुमार विश्वास।
– फोटो : अमर उजाला।
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राम कथा मर्मज्ञ डॉ. कुमार विश्वास ने शुक्रवार को कौशाम्बी महोत्सव के पहले दिन भगवान राम के वनवास व उनके अयोध्या वापसी का वर्णन किया। भावपूर्ण कथा सुन श्रोताओं की आंखें भर आई। लोग भगवान राम के उस अतीत को सोचने के लिए मजबूर हुए जिसमें उन्होंने, बेटे, माता व पत्नी के धर्म का एक साथ पालन किया।
डॉ. कुमार विश्वास ने कथा का शुभारंभ मां गंगा व शीतला माता को प्रणाम कर अपनी बातों को श्रोताओं के सामने रखा। एक प्रसंग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास कर वापस अयोध्या आए तो उन्होंने भरत से पूछा यहां मुझे बुजुर्ग दिखाई पड़ रहे हैं, माताएं दिखाई पड़ रही है। मेरे साथ साथी दिखाई पड़ रहे हैं, जो किशोर हो चुके हैं,लेकिन सवाल यह है कि यहां गलियों में कोई भी बच्चा खेलता क्यों नहीं दिखाई पड़ रहा।
इस पर भरत के आंखों में आंसू भर आए। बोले, भइया जब से आपको वनवास हुआ है तभी से यहां के लोगों ने प्रतिज्ञा ली थी कि वह बह्मचर्य का पालन करेंगे। पिछले 14 साल में अयोध्या में एक भी संतान नहीं हुई। यह सुनने ही भगवान राम के आंखों में आंसू भर आए।
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