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इलाहाबाद हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला
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इलाहाबाद हाईकोर्ट से पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के भाई और पुत्र सहित अन्य करीबियों को हत्या के प्रयास व एससीएसटी एक्ट में राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने सत्र न्यायालय के फैसले को सही मानते हुए उनकी अपील को खारिज कर दिया है। इससे आरोपियों पर मुकदमा चलने का रास्ता साफ हो गया है।
पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के करीबियों ने हाईकोर्ट में सत्र न्यायालय के उन्मोचन अर्जी खारिज करने के फैसले को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति गजेंद्र कुमार ने शशिकांत शर्मा व चार अन्य की इस याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिया है। चुनावी सभा के दौरान पूर्व मंत्री के भाई, बेटे और अन्य करीबियों के खिलाफ फायरिंग करने और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में हाथरस के सहपऊ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
मंत्री के करीबियों ने भी प्राथमिकी दर्ज कराई। हाईकोर्ट में बहस के दौरान इनकी ओर से कहा गया कि उन पर गलत आरोप लगाया गया है। लिहाजा, उन्हें इन आरोपों से उन्मोचित किया जाए। दलील दी कि सत्र न्यायालय ने उनके तथ्यों को नजरअंदाज किया है। हाईकोर्ट ने पत्रावली देखते हुए अपील खारिज कर दी।
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