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कबरई/चरखारी। साधन सहकारी समिति के संचालक पद के लिए नामांकन प्रक्रिया शनिवार को हुई। अधिकांश समितियों में एक-एक ही नामांकन आए जबकि व्यक्तिगत समितियों में नामांकन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या अधिक रही। इस दौरान प्रत्याशी नामांकन के लिए अपने समर्थकों के साथ पहुंचे।
कबरई क्रय विक्रय सहकारी समिति के अंतर्गत दस सहकारी समिति में से महिला उपभोक्ता सहकारी समिति, कबरई सहकारी संघ व नौ सहकारी समिति क्षेत्र हैं जबकि एक व्यक्तिगत है। संचालक के लिए आठ समितियों में केवल एक एक ही नामांकन आया। उधर, व्यक्तिगत क्षेत्र से संचालक के दो पदों के सापेक्ष नौ उम्मीदवारों ने नामांकन किए। इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 634 मतदाता करेंगे। धरौन से धर्मेंद्र शुक्ला, सुरहा से अशोक सिंह, महिला उपभोक्ता सहकारी समिति व कबरई संघ से साजन, ग्योडी से रेनू यादव, मकरबई से अवधेश सिंह, सिरसीकलां से त्रिवेणी सिंह, चिचारा से रेखा और नहदौरा से प्रकाशवीर दीक्षित ने नामांकन किया। वहीं व्यक्तिगत से संतकुमार त्रिवेदी, रानू सिंह, शांतनु तिवारी, निर्भाल सिंह, वृंदावन परिहार, राजेश सिंह चौहान, विजय बहादुर, देवीचरन कुशवाहा व मिथिलेश ने नामांकन किया है जबकि कबरई नंबर-2 साधन सहकारी समिति से कोई नामांकन दाखिल नहीं किया गया है। बुधवार को मतदान होगा।
उधर, क्रय विक्रय समिति चरखारी में भी नामांकन की प्रक्रिया संपन्न हुई। इस दौरान 15 नामांकन दाखिल किए गए। ऐंचाना, कुलपहाड़ प्रथम, कुलपहाड़ द्वितीय व गुढ़ा से एक-एक नामांकन आया जबकि गोरखा से कोई नामांकन नहीं हुआ। वहीं धनुषधारी साधन सहकारी समिति बम्हौरी कलां, बमरारा, रिवई व सूपा में भी एक-एक नामांकन हुए हैं। व्यकितगत सीट में पांच नामांकन दाखिल किए गए। इस दौरान धनुषधारी साधन सहकारी समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश सेंगर, कालूराम विश्वकर्मा, सभासद अमित पटैरिया आदि मौजूद रहे।
चरखारी। क्रय विक्रय समितियों के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया नगर के ज्येंद्र नगर वार्ड में स्थित क्रय विक्रय समिति के जर्जर भवन में कराई जा रही है। यह समिति वर्षों पुरानी है। भवन की छत से प्लास्टर गिर रहा है। भवन जर्जर व क्षतिग्रस्त है। ऐसे में यहां अनहोनी की आशंका बनी है। चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्रत्याशी, समर्थक इसी के नीचे बैठने को मजबूर हैं। शनिवार को नामांकन प्रक्रिया के दौरान प्लास्टर गिरने से उम्मीदवार व समर्थक दहशत में रहे। समिति के सचिव कालूराम ने बताया कि जर्जर भवन के बारे में कई बार लिखकर दिया जा चुका है।
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