[ad_1]
पंडित जवाहर लाल नेहरू
– फोटो : social media
विस्तार
संगमनगरी के मिनी सदन में सियासत का ककहरा सीखने वाले राजनीति के कई पुरोधा लाल किले की प्राचीर तक का सफर तय कर चुके हैं। इस निकाय ने किसी जमाने में शहर की गलियों से पीएम भी दिए और राज्यपाल भी। निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही शहर की नगर महापालिका से लेकर नगर निगम तक के स्वर्णिम अतीत के पन्ने एक बार फिर चाय-पान की दुकानोें पर दोहराए जाने लगे हैं।
इलाहाबाद नगर महापालिका के प्रथम चेयरमैन शिवचरन लाल अक्तूबर 1916 में निर्वाचित हुए थे। इनके बाद राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन ने तीन जनवरी 1921 को इस कुर्सी को सुशोभित किया। इसी क्रम में शहर के विकास पुरुष के रूप में कामता प्रसाद कक्कड़ ने 23 मार्च 1922 से 29 मार्च 1923 तक का सियासी सफर तय किया। इस शहर की महापालिका से अपनी सियासी पारी शुरुआत कभी पं. जवाहर लाल नेहरू ने भी की थी।
नेहरू इस महापालिका का चौथे चेयरमैन रहे हैं। इसी देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री भी इसी शहर के मिनी सदन से होकर दिल्ली दरबार तक पहुंचे थे। बदले दौर में अब भले ही पं. नेहरू की इस कर्मभूमि पर कांग्रेस राजनीतिक शून्यता की ओर पहुंच गई है, लेकिन निकाय चुनाव का शंखनाद होते ही सियासी पारा चढ़ने के बीच लोग उन्हें लोग याद करने लगे हैं।
[ad_2]
Source link