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Prayagraj News : अतीक अहमद। फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला।
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उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद और उसके करीबियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है। पुलिस अगर नींद से पहले जागती तो माफिया के मददगार पहले ही सलाखाें के पीछे होते। हाल यह रहा कि 2017 में अतीक के जेल जाने के बाद से अब तक लगभग एक दर्जन मुकदमे दर्ज हुए। लेकिन पुलिस लापरवाह बनी रही और माफिया अपने गुर्गों के जरिए जेल के भीतर बैठकर भी खेल करता रहा।
अतीक आईएस 227 गिरोह का सरगना है, जिसमें 150 से ज्यादा सदस्य हैं। शुआट्स में घुसकर मारपीट की घटना में 2017 में अतीक के जेल जाने के बाद से दावे किए गए थे कि अब इस गिरोह पर लगाम लगेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अतीक के जेल जाने के बाद भी गुर्गे रंगदारी मांगने, जमीन कब्जाने, सरकारी जमीनों पर कब्जा करने, जालसाजी कर जमीन बेचने के धंधे के साथ ही गवाहों को धमकाने में भी लगे रहे।
पुलिस रिकॉर्ड की ही बात की जाए तो अतीक के जेल जाने के बाद से ही अब तक उसके गिरोह के सदस्यों पर एक दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। इसके बाद भी प्रभावी कार्रवाई न होने से उन पर शिकंजा नहीं कसा जा सका। नतीजा यह हुआ कि गुर्गे लगातार खेल करते रहे जिससे अतीक गैंग को कमजोर करने की पुलिस की रणनीति सफल नहीं हो सकी।
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