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संवाद न्यूज एजेंसी, उन्नाव
Updated Thu, 13 Apr 2023 12:04 AM IST
उन्नाव। बिछिया विकासखंड की ग्राम पंचायत तारगांव में हुए विकास कार्यों में दो बार में 13.92 लाख रुपये का गड़बड़झाला मिल चुका है लेकिन अभी तक जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं की गई है। तारगांव के ग्रामीणों ने डीएम को शिकायतीपत्र देकर विकास कार्यों में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए जांच की मांग की थी। डीएम के निर्देश पर 15 जुलाई 2022 को जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) के परियोजना निदेशक यशवंत सिंह और ग्रामीण अभियंत्रण सेवा (आरईडी) बिछिया की अवर अभियंता राखी द्विवेदी ने गांव जाकर जांच की थी। जांच में पता चला था कि तारगांव के मजरा पकरा में इंटरलॉकिंग व नाली निर्माण का कार्य पूर्व प्रधान ने कराया था। बाद में इसी कार्य को दो भागों में बांटकर निर्माण दिखा 413702 रुपये का फर्जी भुगतान किया गया। जांच के दौरान रामचंद्र के घर से मंदिर तक 107 मीटर लंबे कार्य को पांच टुकड़ों में बांटकर 9.79 लाख रुपये निकालने की पुष्टि हुई। यह शासनादेश के विपरीत था। नियमानुसार एक कार्य को इतने टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता।
मामले में वर्तमान प्रधान व सचिव ने जिस कार्य का दो भागों में बांट निर्माण दिखा 4.13 लाख निकाला था। उसका इस्टीमेट आरईडी अवर अभियंता राखी द्विवेदी ने ही तैयार किया था। जांच टीम में वह शामिल रही थीं। शासकीय धन के दुरुपयोग में वह भी दोषी पाई गई थी। अधिकारियों ने केवल प्रधान, सचिव व जेई को नोटिस भेजकर कोरम पूरा किया। पांच माह बाद कार्रवाई तो दूर उल्टे फिर से एडीओ पंचायत को जांच सौंप दी गई। 21 मार्च को फिर से इसकी जांच एडीओ पंचायत बिछिया ने की और मामले में गड़बड़झाले की पुष्टि की। इसके बाद भी फिर कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोपी प्रधान व सचिव लगातार गांव में कार्य करा रहे हैं।
मामले में डीपीआरओ डॉ. निरीश चंद्र साहू का कहना है कि एडीओ पंचायत को सत्यापन के लिए अंतिम मौका दिया गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उधर, डीएम अपूर्वा दुबे ने कहा कि मामले में डीपीआरओ को कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं।
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