Exclusive: ट्रांसफार्मर चोर मालामाल, ऊर्जा निगम हो रहा कंगाल, किसानों को झेलना पड़ रहा दंश

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Transformer thief is getting rich, Energy Corporation is becoming poor

– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

गाजियाबाद, मेरठ व दिल्ली के बाजारों में ट्रांसफार्मर चोरी करने के बाद निकाले गए तांबे के तार व तेल के अच्छे दाम मिलने के बाद जहां ट्रांसफार्मर चोरों का गैंग मालामाल हो रहा है, वहीं ऊर्जा निगम करोडों का नुकसान झेल रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि मात्र एक साल के अंदर ट्रांसफार्मर चोरों का गैंग पश्चिमांचल के 14 जनपदों में लगभग 17 करोड़ के 1576 ट्रांसफार्मर चोरी कर चुके है। सबसे ज्यादा ट्रांसफार्मर 451 मेरठ से व उसके बाद बुलंदशहर से 210 ट्रांसफार्मर चोरी हुए है, लेकिन पुलिस प्रशासन मुकदर्शक बना हुआ है। उधर ट्रांसफार्मर चोरी होने का दंश किसानों को भी झेलना पड़ रहा है, क्योंकि ट्रांसफार्मर चोरी होने के बाद कई-कई दिनों तक उन्हें ट्रांसफार्मर नहीं मिल पाता और उनकी टयूवबैल ठप पड़ी रहती है।

उल्लेखनीय है कि पश्चिमाचंल विद्युत वितरण निगम क्षेत्र में मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, हापुड, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, बिजनौर और अमरोहा आदि 14 जिले आते है। पिछलें कुछ दिनों में इन जनपदों में ट्रांसफार्मर चोरी की घटना बढ़ी है। कारण यह भी है, क्याेंकि ऐसी घटनाओं के बाद पुलिस आसानी से मामला दर्ज नहीं करती है। जिस कारण ट्रांसफार्मर चोरों के गैंग के सदस्यों का हौसला बढ़ जाता है।

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उधर रिपोर्ट के बिना ऊर्जा निगम को नया ट्रांसफार्मर नहीं मिलता, जिस कारण कई कई दिन तक ट्रांसफार्मर न बदले जाने से संबधित इलाकों की बिजली आपूर्ति बाधित रहती है। सबसे ज्यादा मेरठ में 451, उसके बाद बुलंदशहर में 210, इसके बाद मुरादाबाद में 167 ट्रांसफार्मर चोरी हुए है, सबसे कम ट्रांसफार्मर रामपुर में 52, शामली व गाजियबाद में 55-55 ट्रांसफार्मर चोरी हुए है। जिससे विभाग को काफी नुकसान पहुंचा है।

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