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UP Police
– फोटो : Social Media
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नहाते समय नदी में डूबे बच्चे की तलाशी के लिए प्रदर्शन करने वाले परिवार के छह सदस्यों सहित 62-65 अज्ञात के खिलाफ सड़क जाम, बवाल के आरोप में एफआईआर दर्ज करने और चार्जशीट दाखिल कर केस चलाने के मामले को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने पूछा भीड़ में से छह पीड़ित परिवार के लोगों की ही पहचान कैसे की तो संतोषजनक जवाब न मिलने पर मिर्जापुर के चील्ह थाने के इंस्पेक्टर अशोक कुमार व दरोगा शिवजी सिंह यादव को तलब कर लिया। एसपी मिर्जापुर को इन पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
कहा इन पुलिस अधिकारियों को भविष्य में महत्वपूर्ण केस की विवेचना न सौंपी जाए।कोर्ट के निर्देश पर एसपी मिर्जापुर ने कहा इनके माफी पत्र को देखते हुए प्रारंभिक जांच की जा रही। कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने एसपी को प्रारंभिक जांच सहित कार्रवाई रिपोर्ट हलफनामे के माध्यम से पेश करने का निर्देश दिया। कहा एसपी स्वयं हलफनामा दाखिल करें। याचिका की सुनवाई 12 मई को होगी। कोर्ट ने याचियों के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर लगी रोक बढ़ा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने उदय यादव व पांच अन्य की धारा 482 के अंतर्गत दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
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