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आतंकवादी वलीउल्लाह
– फोटो : अमर उजाला
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मृत्युदंड की सजा से दंडित आतंकी वलीउल्लाह ने बनारस के लोगों को 17 साल पहले गहरा जख्म दिया था। आतंकी संगठन हूजी के दहशतगर्दों के साथ वलीउल्लाह ने बनारस में बम धमाका कर 18 लोगों की जान ली थी। उस आतंकी हमले में 76 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे।
पुलिस के अनुसार प्रयागराज के फूलपुर कस्बा निवासी वलीउल्लाह की तालीम देवबंद में हुई थी। देवबंद में ही उसकी मुलाकात बशीरुद्दीन से हुई। बशीरुद्दीन उसे अपने साथ बांग्लादेश ले गया था और वहां उसकी मुलाकात हूजी कमांडर मौलाना असदुल्लाह से कराई। मौलाना असदुल्लाह ने वलीउल्लाह को इस कदर दिग्भम्रित किया कि वह उसका शागिर्द बनकर दहशतगर्दी का प्रशिक्षण लेने लगा। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद वलीउल्लाह वापस प्रयागराज आया। असदुल्लाह के कहने पर ही उसने आतंकी बशीरुद्दीन, जकारिया, जुबेर और मुस्तकीफ के साथ वाराणसी में सीरियल ब्लास्ट की साजिश रची। चार मार्च 2006 को पांचों आतंकी फूलपुर से प्रेशर कुकर में भरे विस्फोटक लेकर वाराणसी आए और धमाके के लिए जगह चिह्नित किया। सात मार्च 2006 को वाराणसी में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में 18 लोगों की जान गई थी और 76 लोग घायल हुए थे।
2006 में लखनऊ के गोसाईंगंज क्षेत्र से हुआ था गिरफ्तार
पांच अप्रैल 2006 को लखनऊ के गोसाईंगंज क्षेत्र से फैक्ट्री मेड पिस्टल, कारतूस, डेटोनेटर और आरडीएक्स के साथ वलीउल्लाह गिरफ्तार किया गया था। आतंकी वलीउल्लाह के मुकदमे की पैरवी से वाराणसी के वकीलों ने मना कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश पर 24 दिसंबर 2006 को वलीउल्लाह से संबंधित मामला सुनवाई के लिए गाजियाबाद स्थानांतरित कर दिया गया था। गाजियाबाद की सत्र अदालत ने छह जून 2022 को वलीउल्लाह को संकटमोचन मंदिर में हुए धमाके के मामले में फांसी की सजा सुनाई थी। दशाश्वमेध घाट पर कुकर बम से धमाके की साजिश रचने में उसे उम्रकैद की सजा से दंडित किया गया। कैंट रेलवे स्टेशन पर धमाके के मामले में वलीउल्लाह के खिलाफ सबूत न मिलने पर उसे बरी कर दिया गया था। अदालत ने वलीउल्लाह पर 4.05 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
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