[ad_1]
उन्नाव। जिला अस्पताल के बने इंसेफलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर में भर्ती बुखार मरीजों में एक बच्ची का इंफ्लूंएजा सहित अन्य जांचों के लिए सैंपल लखनऊ आरएमल भेजा गया है। इस सेंटर में बुखार के 10 मरीजों का इलाज चल रहा है। इमरजेंसी वार्ड में बुखार और सांस लेने में तकलीफ होने पर भर्ती हुए युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई।
जिला अस्पताल में बने इंसेफलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर में बुखार के दस मरीजों का इलाज चल रहा है। इसमें छत्ताखेड़ा निवासी अवनीश की बेटी पूर्णिमा को कई दिनों से बुखार आने पर भर्ती कराया गया है। बुखार पुराना होने से मरीजा का इंफ्लूएंजा, जेई, मलेरिया, डेंगू, चिकेनगुनिया, स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पाइरोसिस की जांच के लिए सैंपल लखनऊ स्थित राममनोहर लोहिया अस्पताल भेजा गया है। इसके साथ ही भूरी देवी निवासी समीन परवीन (40), अचलगंज कस्बे के विवेक का बेटा विहान(सात माह), डीह निवासी पिंकी(22), एबीनगर की प्रभा (82) सहित दस का इलाज चल रहा है। इमरजेंसी वार्ड में बुखार और सांस लेने में तकलीफ होने पर भर्ती घीनाखेड़ा निवासी रामसिंह (42) की हालत अचानक बिगड़ गई और उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
फतेहपुर चौरासी ब्लॉक स्थित अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में इंसेफलाइटिस सेंटर संचालित नहीं है। सीएचसी प्रभारी डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि अभी बुखार के इतने मरीज नहीं आ रहे हैं। 17 से 20 अप्रैल तक सिर्फ 19 बुखार पीड़ित मरीज आए हैं। उनमें कोई गंभीर नहीं था। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया गया। मरीजों की टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू की जांच के साथ आवश्यकतानुसार दवांए दी जा रही है। हसनगंज सीएचसी में छह बेड का ईटीसी कक्ष बना हुआ है। इसके नोडल डॉ. गौरव ने बताया कि मौजूदा समय में फखरुद्दीनमऊ निवासी बुखार पीड़ित मदनपाल का इलाज चल रहा है। साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, सिलिंडर और दवाएं उपलब्ध हैं।
[ad_2]
Source link