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मौरावां। सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के घर सोमवार शाम लगाई गई आग में झुलसे पीड़िता के मासूम बेटे और बहन की हालत अभी गंभीर बनी है। लखनऊ ट्राॅमा सेंटर के आईसीयू वार्ड में दोनों का इलाज चल रहा है।
थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी 13 साल की किशोरी से 15 महीने पहले सामूहिक दुष्कर्म की घटना में मां बनी किशोरी के बच्चे को जेल से छूटे आरोपी मारना चाहते हैं। सोमवार शाम दुष्कर्म पीड़िता के घर में घुसकर आरोपियों ने किशोरी को पीटा था। साथ ही चार महीने के उसके बच्चे और तीन महीने की बहन को आग में फेंका था। इससे दोनों बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए थे। मारपीट में दुष्कर्म पीड़िता के दाहिने हाथ में चोट आई थी। झुलसे बच्चों को पहले कानपुर उर्सला में भर्ती कराया गया था। हालत गंभीर और सिर मे चोट होने की पुष्टि पर गुरुवार को लखनऊ किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। बाद में दोनों बच्चों के सिर में चोट की पुष्टि होने पर लखनऊ ट्राॅमा सेंटर रेफर कर दिया गया था। दोनों बच्चों को ट्राॅमा सेंटर के आईसीयू में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
दुष्कर्म पीड़िता के घर में घुसकर मारपीट और आग लगाने की घटना को गांव के कुछ लोगों ने साजिश बताया है। शुक्रवार को करीब पचास ग्रामीण कलक्ट्रेट पहुंचे और सिटी मजिस्ट्रेट विनय कुमार गुप्ता और एसपी एसपी सिद्धार्थशंकर मीना से मिले। बीडीसी सुखराम की अगुवाई में पहुंचे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि दुष्कर्म पीड़िता की मां ने घटना में रोशन और रंजीत को साजिशन आरोपी बनाया है। यह दोनों दिल्ली में काम कर रहे हैं। जिस समय घटना हुई वह गांव में नहीं थे। आरोप लगाया कि पीड़िता की मां आए दिन किसी न किसी को केस में फंसाने की धमकी देती है। ज्ञापन देने वालों में गोपाल, कृष्णपाल, भगवानदीन, महिपाल सहित अन्य ग्रामीण शामिल हैं।
एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने बताया कि घटना में हर बिंदु पर जांच कराई जा रही है। बताया कि घटना वाले दिन सोमवार शाम करीब सात बजे पीड़िता की मां ने 112 पर फोन किया था। उसकी कॉल रिकॉर्डिंग भी आ गई है। इसमें वह सूचना दर्ज कराते हुए अपने देवर (पीड़िता के चाचा) पर मारपीट करने और आग लगाने की बात कही। उन्होंने बताया कि नामजद किए गए अन्य आरोपियों की घटना में भूमिका रही या नहीं रही सभी संभावित बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
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