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आलमपुर नरही गंगा कटरी क्षेत्र में तैयार किया गया 32 हेक्टेअर का जंगल
– फोटो : अमर उजाला
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वन तथा वन्य जीवों के संरक्षण व संवर्धन के लिए गांव आमलपुर नरही के गंगा कटरी में 32 हेक्टेयर भूमि पर वन क्षेत्र तैयार किया गया है। ये वन्य जीवों की शरणस्थली भी बन रहा है। यहां पर घायल बारहसिंघा, अजगर, मोर समेत अन्य जीवों को स्वस्थ करके जंगल में छोड़ा गया है। वहीं जंगल तैयार होने से नदी में बालू का कटाव रुका है, साथ ही भूजल स्तर भी बढ़ा है।
जिले के आलमपुर नहरी ग्राम पंचायत के गंगा किनारे कटरी का 32 हेक्टेयर का क्षेत्र बलूयी था। वर्ष 2018 में ग्राम पंचायत से वन विकसित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया। गंगा में बालू गिरने से रोकने के लिए नदी के किनारे-किनारे मेड़ तैयार की गई। मेड़ के बीच-बीच में बड़े-बड़े गड्ढे पानी भरने के लिए बनाए गए। क्षेत्र में प्रति हेक्टेयर 800 पौधे विभिन्न प्रजाति के लगाए गए। पूरे 32 हेक्टेयर जमीन पर 25 हजार 600 पौधे रोपित किए गए। रेंजर आरएल सैनी ने बताया कि यहां पर पौधों के जीवित रहने का रेशियो 90 से 95 प्रतिशत है।
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