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उन्नाव। मुख्यमंत्री की मंगलवार को होने वाली चुनावी जनसभा को देखते हुए, हेलीपैड से सभास्थल तक के रास्ते को अफसर कई दिनों से चमकाने में जुटे हैं। सोमवार को पीडब्ल्यूडी उन्नाव-शुक्लागंज मार्ग पर डिवाइडर की पेंटिंग का काम करा था। इसी दौरान तेज रफ्तार ट्रक ने काम कर रहे दो श्रमिकों को टक्कर मार दी। दोनों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। इलाज के दौरान एक श्रमिक की मौत हो गई, जबकि दूसरे को कानपुर हैलट रेफर कर दिया गया। पुलिस ने चालक को ट्रक सहित पकड़ लिया है। घटना की सूचना पर नायब तहसीलदार जिला अस्पताल पहुंचे।
मुख्यमंत्री मंगलवार को शहर के रामलीला मैदान में दोपहर दो बजे जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके लिए अकरमपुर स्थित डीपीएस मैदान में हेलीपैड बनाया गया है। हेलीपैड से रामलीला मैदान तक शुक्लागंज-उन्नाव मार्ग की नगर पालिका सफाई और पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड रंग-रोगन करा रहा है। रोड मॉर्किंग के लिए पीडब्ल्यूडी ने ठेकेदार उदित गुप्ता को जिम्मेदारी दी है। उदित ने कानपुर नगर के घाटमपुर थानाक्षेत्र के कटरी काटर निवासी कृष्णकांत शुक्ल (50) और इसी थानाक्षेत्र के बेंदा गांव निवासी धर्मेंद्र यादव (48) सहित अन्य कर्मियों को लगाया था।
दोपहर करीब 1:30 बजे दोनों करोवन मोड़ के पास काम कर रहे थे। तभी कानपुर की ओर से आ रहा खाली ट्रक करोवन मोड़ के पास अनियंत्रित हो गया और दोनों श्रमिकों को टक्कर मारते हुए बिजली के पोल में टकरा गया। हादसे से खलबली मच गई। भीड़ ने ट्रक चालक को पकड़ लिया और पिटाई कर दी। पुलिस ने घायलों को एंबुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचााया और चालक को हिरासत में लिया। घायल श्रमिक धर्मेंद्र यादव की इलाज के दौरान मौत हो गई। सूचना पर नायब तहसीलदार तनवीर हसन जिला अस्पताल पहुंचे और मृतक के परिजनों से बात की और घायल श्रमिक के बयान दर्ज किए। मृतक के छोटे भाई धीरू यादव ने बताया कि धर्मेंद्र की शादी नहीं हुई थी। पांच भाई बहनों में सबसे बड़े थे। बेटे की मौत से मां श्याम दुलारी और अन्य परिजन बेहाल हैं।
कोतवाल राजेश पाठक ने बताया कि ट्रक की टक्कर से एक श्रमिक की मौत हुई है। दूसरा घायल है। उसे जिला अस्पताल से कानपुर हैलट रेफर कर दिया गया। ट्रक कोतवाली में खड़ा कराने के साथ चालक को हिरासत में लिया गया है।
एक साथ आए थे आठ लोग
मृतक के भाई धीरू यादव ने बताया कि ठेकेदार के बुलाने पर भाई धर्मेंद्र यादव के साथ गांव से एक साथ आठ लोग काम करने के लिए उन्नाव आए हैं। सभी को रोड मार्किंग के काम में लगाया गया है।
श्रमिकों की सुरक्षा में खिलवाड़, एक की गई जान
कमियों को ढकने के लिए पीडब्ल्यूडी ने वर्षों से बदहाल उन्नाव-शुक्लागंज मार्ग के उस हिस्से की सूरत बदलने में कोई कोर कसर नहीं छोटी जितने हिस्से से मुख्यमंत्री की फ्लीट निकलेगी। जल्दी से काम पूरा कराने की आपाधापी में पीडब्ल्यूडी ने श्रमिकों की सुरक्षा को भी नजर अंदाज कर दिया।
काफी व्यस्त रहने वाले इस मार्ग पर श्रमिकों की सुरक्षा के लिए न तो बैरियर लगाए गए न प्लॉस्टिक के कोन बैरियर या अन्य संकेतक। श्रमिक सड़क पर ईंटे और पत्थर रखकर काम करते रहे और बगल से वाहन तेज रफ्तार से निकलते रहे। लोगों ने बताया कि अगर बैरियर या कोई ऐसा संकेतक लगा होता तो शायद यह हादसा न होता। पीडब्ल्यडी के एक्सईएन सुबोध कुमार ने बताया कि ठेकेदार की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
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