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कुत्ता
– फोटो : सोशल मीडिया
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गर्मी बढ़ने से कुत्ते हिंसक हो रहे हैं और लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। आए-दिन इन आवारा कुत्तों के हमलों में लोग घायल होकर उपचार के लिए हाथरस जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। रोजाना करीब 70 लोग कुत्ते और बंदरों के हमले में घायल होकर एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) लगवाने के लिए जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं।
शहर से लेकर देहात तक यह कुत्ते गलियों में घूमते रहते हैं। कुत्तों के डर से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। आवारा कुत्ते राह चलते लोगों पर हमला बोल देते हैं। वहीं रात के समय सड़कों पर आवारा कुत्तों का पहरा रहता है। यह कुत्ते सड़क से गुजरने वाले वाहनों के पीछे दौड़ते हैं। पैदल चलने वाले लोगों को तो कुत्ते आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं। कुत्तों के हमले में घायल होकर बड़ी संख्या में बच्चे बूढ़े और जवान एआरवी लगवाने के लिए जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। इधर, शहरी क्षेत्र में बंदरों के आतंक से लोग परेशान हैं। काफी लोग आए दिन बंदरों के हमले में घायल हो जाते हैं। जिला अस्पताल के एआरवी कक्ष में एआरवी लगवाने वाले मरीजों की भीड़ लगी रहती है।
कुत्ता काटे तो क्या करें
कुत्ता काटने पर घाव को साबुन और पानी से साफ करें। घाव पर एंटीबायोटिक क्रीम लगा लें। देसी दवाओं व जड़ी बूटियों के चक्कर में न पड़ें। पीड़ित को तत्काल चिकित्सक के पास लेकर जाएं। एआरवी जरूर लगवाएं। लापरवाही न बरतें।
बच्चे को कुत्ते ने काट लिया है। एआरवी लगवाने के लिए जिला अस्पताल आई हूं। इंजेक्शन लगवाने के बाद घर चली जाऊंगी। -माला देवी, तीमारदार
बच्चे को बंदर ने काट लिया है। एआरवी लगवाने के लिए जिला अस्पताल आया हूं। इंजेक्शन लगवाकर घर चला जाऊंगा। -जतिन, तीमारदार
तापमान बढ़ने से कुत्तों का व्यवहार बदल जाता है। इससे कुत्ते हिंसक हो जाते हैं। हिंसक कुत्ते लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। जिला अस्पताल में रोजाना करीब 70 लोग एआरवी लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं। कुत्ते या बंदर के काटने पर एआरवी जरूर लगवाना चाहिए। देसी दवाओं के चक्कर में नहीं पड़ना चहिए। -डॉ.सूर्यप्रकाश, सीएमएस, बागला जिला अस्पताल
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