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मुख्तार अंसारी
– फोटो : अमर उजाला
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माफिया मुख्तार अंसारी बीते साढ़े 17 साल से जेल की सलाखों के पीछे है। बावजूद इसके जरायम जगत में उसका एक अलग दबदबा बना हुआ है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्तार जब से जेल में बंद है तब से लेकर अब तक उस पर गंभीर आपराधिक धाराओं में 25 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इनमें से आठ मुकदमे हत्या के आरोप से संबंधित हैं।
मऊ दंगे के बाद मुख्तार अंसारी ने 25 अक्तूबर 2005 को गाजीपुर में समर्पण किया था और वहीं की जिला जेल में दाखिल हुआ था। इसके एक महीने बाद 29 नवंबर 2005 को गाजीपुर के बसनियां गांव में मोहम्मदाबाद विधानसभा से भाजपा के विधायक रहे कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की नृशंस तरीके से हत्या की गई थी।
कृष्णानंद राय हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट ने किया बरी
इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत से मुख्तार सहित अन्य आरोपी बरी हो चुके हैं और मामला अब हाईकोर्ट में विचाराधीन है। वर्ष 2008 में मुख्तार को हत्या के एक मामले के गवाह धर्मेंद्र सिंह पर हमले का आरोपी बनाया गया।
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