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इलाहाबाद हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला
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इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को गंगा को प्रदूषण मुक्त कराने को लेकर दाखिल दर्जनों याचिकाओं की सुनवाई के दौरान याचियों ने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं कराया। महाधिवक्ता अपने अधिकारियों को बचाने के लिए मामले को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) स्थानांतरित करना चाहते हैं। फिलहाल कोर्ट ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। कोर्ट शीघ्र ही फैसला सुनाएगा कि गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने से जुड़े मुकदमों की सुनवाई हाईकोर्ट में होगी या राष्ट्रीय हरित अधिकरण में।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजय मिश्रा ने अर्जी देकर कोर्ट से कहा, गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने को लेकर सुनवाई का अधिकार राष्ट्रीय हरित अधिकरण को है। ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए वह पूरी तरह से सक्षम है। उन्होंने अपनी दलील के समर्थन में हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित कई फैसलों का जिक्र किया। दूसरी ओर हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने सरकार की दलील का विरोध किया। कहा, इन याचिकाओं की सुनवाई हाईकोर्ट में ही होनी चाहिए। अगर हाईकोर्ट की ओर से मामले को सुनवाई के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण को भेजा जाता है तो ऐसी स्थिति में हाईकोर्ट की ओर से पारित अंतरिम आदेशों को समाप्त कर दिया जाए।
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