उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बीघापुर विकास खंड के गौरी गांव में स्थित पवन तनय मंदिर की पुजारी एक निराश्रित महिला है। पिछले 16 साल से महिला ही यहां पर पूजा-अर्चना करती है। आज भी यह मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है।
कस्बे से सिर्फ डेढ़ किलोमीटर दूर उन्नाव-रायबरेली हाईवे के किनारे वर्ष 2007 में पवन तनय मंदिर का भव्य निर्माण हुआ था। प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू ने हनुमान मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की थी। स्थापना के बाद से ही पवन तनय मंदिर लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बिंदु बना हुआ है।
आमतौर पर मंदिरों में हनुमानजी के विभिन्न विग्रह वाली मूर्तियां तो स्थापित की जाती हैं लेकिन ध्यान मुद्रा की मूर्ति कहीं देखने को नहीं मिलती। मंदिर में हनुमानजी की पांच फुट ऊंची विशाल ध्यान मुद्रा विग्रह वाली मूर्ति स्थापित है। कहा जाता है कि यह विग्रह भक्तों को निष्काम पूजा के लिए प्रेरित करता है।
कुछ आचार्यों द्वारा महिलाओं के लिए हनुमानजी की पूजा आराधना निषेध बताई गई है, लेकिन पवन तनय मंदिर में स्थापना के बाद से ही निराश्रित महिला शैल अवस्थी पुजारी का दायित्व निभा रही हैं। मंदिर में खास और आम सभी दिनों में पूजा-विधान शैल अवस्थी द्वारा ही संपन्न किए जाते हैं।
व्यासपीठ के स्थान पर बना मंदिर
गौरी गांव में वर्ष 2003 में 18 से 26 नवंबर तक मोरारी बापू की रामकथा संपन्न हुई थी। इस कथा के मुख्य यजमान जनपद के शिक्षाविद एवं समाजसेवी कमलाशंकर अवस्थी थे। पवनतनय मंदिर सेवा न्यास के सचिव गौरव अवस्थी ने बताया कि कथा के दौरान जिस स्थान पर मोरारी बापू की व्यासपीठ बनाई गई थी।
उसी स्थान पर पवन तनय मंदिर का निर्माण कराया गया। संत मोरारी बापू हनुमानजी के ध्यान मुद्रा विग्रह की ही पूजा आराधना करते हैं। इसीलिए मंदिर में यही विग्रह प्राण प्रतिष्ठित किया गया। मंगलवार को मंदिर का स्थापना दिवस मनाया जाएगा, जहां भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे।