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सारनाथ मूलगंध कुटी विहार में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर दीप जलाती युवतियां ।
– फोटो : अमर उजाला
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बुद्ध पूर्णिमा पर तथागत की प्रथम उपदेश स्थली शुक्रवार को दीपों की रोशनी से नहा उठी। बौद्ध भिक्षुओं ने भगवान बुद्ध की पूजा की , फिर उनके अस्थि कलश के दर्शन करके विश्व कल्याण की कामना की। महात्मा बुद्ध की 2667वीं जयंती पर शुक्रवार की सुबह मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में बुद्ध पूर्णिमा के अनुष्ठान शुरू हुए।
भगवान बुद्ध के धम्म चक्र प्रवर्तनी मुद्रा के समीप विशेष पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद धमेख स्तूप के सामने बौद्ध भिक्षुओं ने विश्व शांति व कल्याण की कामना से प्रार्थना की। भिक्षु सुमितानंद के नेतृत्व में धम्म चक्र प्रवर्तन सूत्र का पाठ आरंभ हुआ। इसके बाद बौद्ध मंदिर में महात्मा बुद्ध के अस्थि अवशेष आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखे गए।
सुबह से भगवान बुद्ध के अस्थि कलश के दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। शाम को पूरा मंदिर प्रांगण 2667 दीपों की रोशनी से जगमगाने लगा।
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